नए कलेवर में हेमंत सोरेन की नयी टीम चंपई बन्ना सहित नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ
राष्ट्र संवाद संवाददाता
झारखंड विधानसभा से विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बीच, हेमंत सोरेन सरकार के सोमवार को विश्वास मत हासिल करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और झामुमो नीत गठबंधन के 10 अन्य नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली।
राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में मनोनीत सदस्य ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन सहित कुल 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
लोकसभा चुनाव के बाद 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो नीत गठबंधन के सदस्यों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिसमें झामुमो के 27, कांग्रेस के 17 और राजद का एक विधायक शामिल है।
झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद बन चुके हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था।
झामुमो ने दो और सदस्यों-बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रोम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
इसी तरह, विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या घटकर 24 हो गई है, क्योंकि उसके दो विधायक-ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) अब सांसद बन गए हैं। वहीं, पार्टी ने मांडू से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस में शामिल होने के बाद निष्कासित कर दिया था।
रांचीःसोमवार का दिन झारखंड की सियासी गतिविधियों का दिन रहा. सुबह से लेकर शाम करीब 5 बजे तक सदन से लेकर राजभवन तक गहमागहमी का आलम रहा. इसके बाद राजभवन में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सुबह से चल रहे कयासों को पूरी तरह से विराम लग गया और हेमंत की टीम नये कलेवर में सामने आई.
झारखंड विधानसभा में आहूत विशेष सत्र में हेमंत सोरेन ने विश्वास मत हासिल किया. इसके बाद शुरू हुआ मंत्री पद की रेस को लेकर संभावित सूची और कयासों का दौर शुरू हुआ. दोपहर के बाद राजभवन की ओर प्रदेश की सियासत शिफ्ट हो गयी. मंत्रिमंडल नये और पुराने चेहरों को लेकर नामों को लेकर चर्चा होती रही.
इसके बाद राजभवन के बिरसा मुंडा मंडप में विधायकों की उपस्थिति के बाद कयासों के बाद छंट गये. राजभवन में विधायकों की उपस्थिति के बाद शपथ ग्रहण के लिए उनके नाम पुकारे जाने के बाद एक-एक करके सभी 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
झारखंड की सियासी गतिविधियों में हेमंत कैबिनेट का विस्तार हो गया. राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. हेमंत कैबिनेट में 11 मंत्रियों ने शपथ ली. इस नये मंत्रिमंडल में झामुमो कोटे से बैद्यनाथ राम, कांग्रेस से दीपिका पांडेय सिंह और इरफान अंसारी को पहली बार स्थान मिला. वहीं इस नई टीम में हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को स्थान नहीं मिला है. इसके अलावा कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे बादल पत्रलेख का पत्ता भी काट दिया गया. वहीं जेल में बंद आलमगीर आलम की जगह कांग्रेस से इरफान और बादल पत्रलेख की जगह दीपिका पांडे सिंह को नयी टीम में शामिल किया गया है.
सत्ताधारी दलों के कोटे की बात करें तो झामुमो के कोटे से इस बार 12वें मंत्री के रूप बैद्यनाथ राम की एंट्री हुई है. इससे पहले चंपाई मंत्रिमंडल विस्तार के समय ऐन वक्त पर उनका नाम लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था. इसके अलावा मंत्री के रूप में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की कैबिनेट में जगह मिली है. इसके अलावा झामुमो कोटे से पुराने चेहरों के इस बार भी शामिल किया गया है. इनमें बेबी देवी, हफीजुल हसन, मिथिलेश ठाकुर, दीपक बिरुआ शामिल हुए. इस बार हेमंत सोरेन के भाई और पूर्व मंत्री बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल से दूर रखा गया है. उनके स्थान पर चंपाई सोरेन को हेमंत सोरेन की नयी टीम में शामिल किया गया है.
कांग्रेस कोटे से इस बार दो नये चेहरों को मौका दिया गया है. इसमें विधायक दीपिका पांडे सिंह और इरफान अंसारी ने मंत्री पद की शपथ ली है. जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के स्थान पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी को मौका दिया गया. वहीं बादल पत्रलेख के स्थान पर दीपिका पांडे सिंह को नयी टीम में जगह दी गयी है. इसके अलावा कांग्रेस कोटे के पुराने चेहरे इस बार भी हेमंत कैबिनेट में शामिल किए गये हैं. इनमें रामेश्वर उरांव और बन्ना गुप्ता शामिल है. वहीं राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता को भी हर बार की तरह इस बार भी हेमंत कैबिनेट में शामिल किया गया है.
हेमंत कैबिनेट की नयी टीम अब पूरी तरह से मूर्त रूप ले चुकी है. अब हेमंत सोरेन की नयी टीम नए कलेवर में नजर आ रही है. जिसमें पुराने अनुभवी के साथ साथ नये चेहरों को भी मौका मिला है.