डोरंडा महाविद्यालय में डॉ वाकणकर परिचय संवाद आयोजित
डा.वाकणकर ने देश के गौरवमयी इतिहास को दुनिया के समक्ष लाया : डॉ अंकन
रांची, 22 अक्तूबर
संस्कार भारती के बैनर तले डोरंडा कॉलेज रांची में डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर जन्म शताब्दी कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को डॉ वाकणकर परिचय संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ।
महाविद्यालय के प्राचार्य विष्णु विष्णु शंकर तिवारी के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता रांची विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ सुशील अंकन उपस्थित थे। डॉ अंकन ने कहा कि डा वाकणकर ने देश के गौरवमयी इतिहास को विश्व के समक्ष लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि डा वाकणकर न केवल चित्रकार थे बल्कि पुरातत्वविद एवं कई अन्य कला के धनी थे। उन्होंने देश और दुनिया के समक्ष भीमबेटका के शैल चित्रों को सामने लाने का काम किया। साथ ही सरस्वती नदी के प्रवाह की खोज की। उन्होंने कहा कि डॉ वाकणकर ने देश एवं विदेशों में भी करीब 4 हजार से अधिक शैल चित्रों पर शोध किया। प्रख्यात चित्रकार होने के नाते शैल चित्रों के चित्र एवं पुरातत्व सामग्रियों का संग्रहण का काम भी उन्होंने बखूबी किया। 1975 में उनके कार्यों के कारण भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री की उपाधि दी।
महाविद्यालय के प्राचार्य डा विष्णु शंकर तिवारी ने कहा कि संस्कार भारती डा वाकणकर और देश के गौरवमयी इतिहास को लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रही है यह सराहनीय है। विषय प्रवेश करते हुए संस्कार भारती के प्रदेश मंत्री संगठन शाद्वल कुमार ने कहा कि वाकणकर की खोज ने देश के इतिहास को पुनर्परिभाषित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के प्रवाह की खोज के साथ ही वैदिक सभ्यता के अस्तित्व को दुनिया के सामने स्थापित किया। सभ्य वैदिक सभ्यता के सामने लाने के कारण इस देश का इतिहास विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल हुआ। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के प्रवाह की खोज से आर्यों के बाहर से आने की थ्योरी पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया। इससे यह साबित हुआ कि आर्य कहीं बाहर से नहीं इसी देश के निवासी हैं। संचालन करते हुए शिक्षक डा ओमप्रकाश ने कहा कि संस्कार भारती के प्रथम राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वाकणकर की जन्म शताब्दी पर पूरे देश में कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सोनू मिश्रा ने बताया कि चित्र कला, नाटक, धरोहर स्थल दर्शन कार्यक्रम किए जाएंगे। कार्यक्रम में महानगर उपाध्यक्ष आशुुतोष प्रसाद, मंत्री के बी सहाय, सतपाल सिंह सहित सैकड़ों छात्र- छात्राएँ उपस्थित थे।