सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला , पूर्वी सिंहभूम में महान व्यक्तित्व व्याख्यान श्रृंखला आयोजन
सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला , पूर्वी सिंहभूम में महान व्यक्तित्व व्याख्यान श्रृंखला आयोजन के तहत मिडलैंड रीजनल फॉरेंसिक सर्विसेज एवं हवाई कोटा हॉस्पिटल एम्युलेटर न्यू जीलैंड के व्हाट इस तो प्रोफेसर डॉक्टर रविंद्र भगत मनोचिकित्सक द्वारा विश्वविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं प्रधानाध्यापक को कर्मचारियों को विश्वविद्यालय कॉलेज विद्यार्थियों में व्यक्तित्व मनोविकारों का प्रसार एवं रोकथाम के उपाय विषय पर बहुत ही दिलचस्प प्रेरणास्पद दिया गया
सोना देवी विश्वविद्यालय कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह कुलपति डॉक्टर जेपी मिश्रा रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन एवं मनोवैज्ञानिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर मीरा जयसवाल विश्व विद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर गुलाब सिंह आजाद तथा विभिन्न स्कूलों के प्रधान ,संकाय सदस्य आदि बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन कर छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु प्रारंभ की गई वयख़ानमाला के महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला और
उन्होंने कहा कि इस महान व्यक्तित्व व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन महीने में एक बार होगा जिसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महान व्यक्तित्व के ज्ञान एवं अनुभव का लाभ छात्र-छात्राओं को आगे मिलता रहेगा प्रोफेसर रविंद्र भगत ने वर्तमान समय में देश विदेश के विश्वविद्यालय किस प्रकार के व्यक्तित्व विकारों के बारे में प्रोफेसर भगत ने बड़ी ही सरल सुबोध एवं मनोहरी भाषा का प्रयोग करते हुए उदाहरण कैसे स्टूडियो के उदग्रेनों के साथ छात्रों को समझाया तथा उसके रोकथाम के उपाय को भी विस्तार के साथ उल्लेख किया
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर जेपी मिश्रा ने मनोविकार की उत्पत्ति के कर्म सामान्य एवं असामान्य व्यवहार के अंदर को उदाहरण सहित स्पष्ट किया
व्याख्यान माला में उपस्थित रांची विश्वविद्यालय रांची के भक्ति पूर्ण दिन एवं मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर वीर जय सवाल ने कॉलेज विश्वविद्यालय के छात्रों छात्रों के सम्मुख मौजूद विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का उल्लेख विस्तार के साथ किया गया तथा उन्होंने विद्यार्थियों को चुनौतियों का सामना करने हेतु बहुत ही व्यवहारिक मंत्र रणनित्तीय बताई तथा अपने समय का प्रबंध करते हेतु उन्हें समझाया कि समय एक अमूल्य अभूतपूर्व संसाधन है अतः इसके अंश-थान का उपयोग करके ही आप लोगों सफलता की सीढ़िया पर आसानी से चल सकते
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर डॉक्टर गुलाब सिंह आजाद ने अतिथि व्याख्याता का हृदय से धन्यवाद धन्यवाद ज्ञापन किया