JHARKHAND : :सिंडिकेट पर कसेगा शिकंजा , भू माफियों के बीच भी दहशत
ED के दस्तावेजों में बड़ा खुलासा
सिंडिकेट पर कसेगा शिकंजा
यह झारखंड का दुर्भाग्य है कि 23 सालों में 11 मुख्यमंत्री बदले गए और विकास की गति जो मिलनी चाहिए वह अब तक झारखंड को नसीब नहीं हुआ हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं तो विपक्ष सोरेन परिवार पर हमलावर है खासकर सांसद निशिकांत दुबे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोरेन परिवार को भ्रष्टाचारी कहा है जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार ने एक सूची समझी साजिश के तहत एक चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया है इन सबसे इतर Ed के हवाले से जो छानकर खबरें आ रही है भाजपा उसको लेकर ही हमलावर है आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला
ईडी के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले बड़े सिंडिकेट का हिस्सा है. सोरेन ने 12 संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया. करीब 8.5 एकड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया.
ED ने जिक्र किया है कि फर्जी सेल डीड और दस्तावेजों के आधार पर कब्जा किया गया है. रेवेन्यू रिकॉर्ड में हेराफेरी की है. करोड़ो की है ये जमीन है. पिछले साल 13 अप्रैल को छापेमारी में रेवेन्यू सब इंस्पेक्टर भानु प्रताप के यहां जमीन से जुड़े रिकॉर्ड और रजिस्टर मिले थे, जिसके बाद जून में भानु प्रताप के खिलाफ रांची पुलिस ने केस दर्ज किया. रांची पुलिस की एफआईआर पर इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इसकी जांच हुई तो पता चला कि भानू प्रताप उस बड़े सिंडिकेट का हिस्सा था, जो सरकारी जमीनों की फर्जी सेल डीड बनाकर और रेवन्यू रिकॉर्ड में हेराफेरी करके जमीनों पर कब्जा करवाता था. ऐसी ही कई जमीनों पर हेमंत सोरेन का भी कब्जा था. यही नहीं सोरेन की कई संपत्तियों की जानकारी भानू प्रताप के मोबाइल से भी मिली.
ED के तथ्यों मुताबिक- ऐसे 12 जमीन के टुकड़ों की लिस्ट मिली है, जो लगभग 8.5 एकड़ में थी. बताया गया कि इन जमीनों पर सोरेन ने अवैध तरके से कब्जा किया. इन जमीनों की फोटोज में भानू प्रताप ने हाथ से कुछ लिखा भी था, उसे भी वेरिफाई किया गया. इस मामले में कई और लोगों के पीएमएलए के तहत बयान दर्ज किए उन्होंने भी बताया की ये जमीन के टुकड़े सोरेन ने अवैध तरीके से कब्जा किए हैं और इन पर सोरेन का स्वामित्व है. ईडी ने पीएमएलए के तहत एक सर्वे किया और पाया की इन जमीनों पर सोरेन का अवैध कब्जा है. ये 8.5 एकड़ जमीन अपराध से कमाई आय का हिस्सा है. दस्तावेजों के मुताबिक- सोरेन सीधे तौर पर इन जमीनों के अधिग्रहण और कब्जा करने में सीधे तौर पर जुड़े हैं और अपराध से आय अर्जित करने में वो सीधे तौर पर शामिल हैं. इस सब बातों को देखते हुए , भानुप्रताप के साथ सीधे इस सिंडिकेट में जुड़ना और जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करना पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी का पुख्ता आधार है.
अवैध खनन घोटाले में भी ईडी की रडार पर ऐसे आए सोरेन
बता दें कि हेमंत सोरेन कथित अवैध खनन घोटाले में भी ईडी की नजर में हैं. इस मामले में ईडी ने 2022 में पंकज मिश्रा को अरेस्ट किया था, जो सोरेन के करीबी बताए जाते हैं. छापेमारी के दौरान पंकज मिश्रा के घर से सोरेन की बैंक पासबुक और साइन की हुई चेकबुक मिली थी. ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा के घर से एक सीलबंद लिफाफा भी मिला, जिसमें पासबुक, दो चेक बुक और दो साइन किए चेक मिले. सब हेमंत सोरेन के थे.
सोशल मीडिया पर हेमंत सोरेन ने दिया ये संदेश
बता दें कि रांची की विशेष अदालत में हेमंत सोरेन को ED आज पेश किया. दूसरी तरफ गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. इससे पहले गिरफ़्तारी के बाद हेमंत सोरेन की तरफ़ से सोशल मीडिया एक्स पर संदेश जारी किया गया कि. यह एक विराम है… जीवन महासंग्राम है.. हर पल लड़ा हूं… हर पल लड़ूंगा… पर समझौते की भीख मैं लूंगा नहीं…. इस बीच सोरेन की गिरफ़्तारी के विरोध में आदिवासी संगठनों ने आज झारखंड बंद का ऐलान किया है.
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