विधायक सरयू राय ने टी.वी. नरेन्द्रन,मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एवं प्रबंध निदेशक,
टाटा स्टील लिमिटेड, जमशेदपुर को लिखा पत्र
श्री राय ने लिखे पत्र में जिक्र किया है कि नव वर्ष 2024 के आरम्भिक दो दिनों में टाटा स्टील एवं टाटा स्टील युआईएसएल के अलग-अलग कार्यक्रमों में उपर्युक्त विषय में अभिव्यक्त आपके विचार जमशेदपुर के स्थानीय समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुए हैं। पूर्ववर्ती जुस्को और वर्तमान टाटा स्टील युआईएसएल द्वारा जमशेदपुर में गुणवतापूर्ण नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की आपने अपने वक्तव्य में सराहना की है। वक्तव्य में आपने झारखंड सरकार द्वारा नव अधिसूचित जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति पर भी प्रसन्नता व्यक्त किया है और इसे जमशेदपुर के विकास की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
आपने यह भी स्वीकार किया है कि काफ़ी प्रयत्न के बावजूद जमशेदपुर में नागरिक सुविधाओं के संदर्भ में वह नहीं हो पाया है जो इंदौर ने कर दिखाया है.
आपने ये विचार एक विशेष अवसर पर व्यक्त किया है। आम तौर पर ऐसे अवसरों पर संबंधित संस्थानों के उज्ज्वल पक्ष को प्रस्तुत करने का रिवाज है। इसलिए आपकी अभिव्यक्ति पर कोई टीका-टिप्पणी करना मुझे उचित नहीं प्रतीत हो रहा है। मैं केवल इतना ही आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ कि प्रासंगिक संदर्भ में आपकी अभिव्यक्ति और वस्तुस्थिति में भारी अंतर है। आपकी अभिव्यक्ति आपके अधीनस्थ अधिकारियों के फ़ीडबैक पर आधारित प्रतीत हो रही हैं और उस वस्तुस्थिति से मेल नहीं खा रही हैं, जिसका सामना जमशेदपुर के उपभोक्ता कर रहे हैं और मुझे भी रोज-ब-रोज करना और सहना पड़ता है। मैं बार-बार आपके ज़िम्मेदार अधीनस्थ अधिकारियों के समक्ष अपनी पहल पर वस्तुस्थिति को रखते रहता हूँ, मगर अफ़सोस है कि अक्सर मुझे समाधान कम और निराशा का अधिक सामना करना पड़ता है।
जमशेदपुर में पेयजल आपूर्ति कनेक्शन, विद्युत आपूर्ति संयोजन, साफ-सफ़ाई की स्थिति, बड़े नालों और छोटी नालियों की उडाही, स्ट्रीट लाईट, हाई मास्ट लाईट की समस्या, पार्क, गार्डेन, खेल के मैदान और सिवरेज-सिस्टम दुरुस्त करने आदि के बारे में अक्सर शिकायतें मेरे पास आती हैं, जिन्हें मैं अथवा मेरे सहकर्मी आपके अधिकारिक स्थान पर रखते रहते हैं, मगर आशाजनक समाधान संभव नहीं हो पाता है।
मैं समस्याओं की लंबी फ़ेहरिस्त जोड़कर विषयवस्तु को बोझिल नहीं बनाना चाहता, पर इतना अवश्य कहना चाहता हूँ कि लीज़ क्षेत्र की बस्तियों में जनसुविधाओं की स्थिति में सुधार, मोहरदा पेयजल आपूर्ति योजना का क्रियान्वयन, केबुल टाउन के घर-घर में विद्युत संयोजन, जोजोबेडा में पेयजलापूर्ति के प्रति कोताही, भुईंयाडीह-बाबूडीह-लालभट्ठा में पेयजलापूर्ति की सुस्त रफ़्तार, टैंकरों से पेयजलापूर्ति में अन्यमना स्थिति, लीज़ क्षेत्र और लीज़ क्षेत्र से बाहर की बस्तियों में पेयजलापूर्ति की शुद्धता में कमी, स्वर्णरेखा-खरकई नदियों का प्रदूषण आदि अनेक विषय हैं, जिनपर आपके संस्थान की तरफ़ से सार्थक पहल का अभाव स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है।
आपने नागरिक सुविधाओं के संदर्भ में इंदौर का उल्लेख किया है। मैं भी इंदौर में तीन दिन (18 से 20 अगस्त, 2023) रहकर वहाँ की स्थिति का अवलोकन किया हूँ और अपना अनुभव आपके संबंधित अधिकारियों के साथ भी शेयर किया हूँ। इस बारे में मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि इंदौर ने सरकारी नगर निगम के रूप में यह स्थिति 2015 के बाद प्राप्त किया है। जबकि जमशेदपुर मे टिस्को/टाटा स्टील लि॰ ने 1985 में लीज़ समझौता के समय से 2005 में लीज़ समझौता नवीकरण तक और उसके बाद के 18 वर्षों तक की अवधि में उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया तो अवश्य ही इसके कारण पर विचार होना चाहिए। आपने उपर्युक्त वक्तव्यों में इसकी चिंता की है जो प्रशंसनीय है। इसके लिए आपको धन्यवाद।
एक विषय का उल्लेख कर अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा। वह है टाटा लीज़ समझौता नवीकरण-2005 में जमशेदपुर के नागरिकों को नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के बारे में। समझौता में इसका विस्तृत उल्लेख है। 18 वर्ष बाद इसकी समीक्षा आवश्यक प्रतीत हो रही है। इसकी समीक्षा से जमशेदपुर में नागरिक सुविधाओं के बारे में कथनी और करनी का भेद उजागर हो जाएगा और आपकी सोच को सार्थक स्वरूप मिलने में आसानी होगी।