जमशेदपुर के बागबेड़ा क्षेत्र के आम जनमानस की मौलिक सुविधाओं को लेकर साथ ही विकास की अविलंब जांच एवं न्याय पूर्ण कार्रवाई के संबंध में बागबेड़ा विकास समिति ने पुल के निकट एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराने का प्रयास किया गया
बागबेड़ा बडौदा घाट मैं रोड खरकाई नदी को जाने वाले एकमात्र मुख्य सड़क पर 100 वर्ष पुरानी बनी पुल जर्जर स्थिति में है इस कारण प्रतिदिन लगभग 10000 लोगों का आवाजाही बाधित हो रहा है मरीज के साथ-साथ दिव्यांग लोग बड़ी मुश्किल से इस पुल को पार कर रहे हैं सरकार द्वारा अविलंब जांच करा कर पुराने पुल को ध्वस्त कर नए सिरे से नए पुल का निर्माण करने,नगर निकाय के तर्ज पर बागबेड़ा क्षेत्र में कचरा का उठाव एवं साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने, पश्चिम बागबेड़ा पंचायत, दक्षिण बागबेड़ा पंचायत, उतरी बागबेड़ा पंचायत कुल 5 पंचायत में 15 किलोमीटर नई रिंग रोड पीसीसी पथ का निर्माण करने, पंचायत भवन का जल्द से जल्द निर्माण करने साथ ही विभागीय पदाधिकारी एवं ठेकेदार के लापरवाही के कारण धीमी गति से चल रहे बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना के कार्य में तेजी लाने एवं जल्द से जल्द इस योजना को धरातल पर उतारने संबंधित पांच सूत्री मांगों को लेकर बागबेड़ा विकास समिति द्वारा बागबेड़ा बडौदा घाट पुल के निकट एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई
गणेश विश्वकर्मा अध्यक्ष बागबेड़ा विकास समिति
चाईबासा
आईईडी विस्फोटक की चपेट में आया सीआरपीएफ का जवान
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हेस्साबांध गांव के पास जंगल में हुआ हादसा
जंगल में भाकपा माओवादियों ने बिछा रखा है आईईडी
गुरुवार की सुबह हुआ हादसा, घायल जवान को एयरलिफ्ट कर ले जाया गया रांची
घायल जवान का नाम मो. हजरत
*आगजनी से आधा दर्जन दुकानें जलकर खाक, स्थानीय लोगों की मदद से आग पर पाया काबू*
धनबाद : जिले में आग का कहर जारी धनबाद थाना के बाद बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के टुण्डी रोड स्थित फुटपात दुकानों में लगी भीषण आग आधे दर्जन से अधिक दुकानें जल कर राख हो गयी । आग कैसे लगी इसका अभी तक पता नहीं चल पाया बरवाअड्डा पुलिस की सुचना पर दमकल की गाड़ी ने पहुंच कर स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबु पाया । आग लगने की जगह पर काफी राइस लाइट भी झुलाये गये थे । स्थानीय लोगों की सतर्कता से बड़ा हादसा टला । फिलहाल आधा दर्जन दुकानें आग में जल कर राख हो गयी है ।
जमशेदपुर
जमशेदपुर के ईस्ट प्लांट बस्ती में झामुमो नेता द्वारा खुलेआम युवक को गोली मारने के बाद दहशत में बस्तीवासी, एससपी से लगाई इंसाफ की गुहार
बोले तीन की हो चुकी गिरफ्तारी, एक जल्द होगा सलाखों के पीछे, बंदूक का लाइसेंस होगा रद्द
गोली लगने से घायल युवक की स्थिति अब भी नाजुक, परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
जमशेदपुर के बर्मामाइंस थाना अंतर्गत ईस्ट प्लांट बस्ती में बीते 17 नवंबर को हुए गोली चालन की घटना में घायल युवक प्रवेश कुमार की स्थिति नाजुक है. उसका इलाज कोलकाता के इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंस अस्पताल में चल रहा है. इधर घटना के बाद बस्ती वीडियो में दशरथ का माहौल है वहीं युवक के इलाज में हो रहे खर्च का वहन करने में परिजन सक्षम नहीं है इन सभी मांगों को लेकर गुरुवार को बस्ती वासी एकजुट होकर जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचे और एसएसपी से मिलकर झामुमो नेता सत्यनारायण गौड़, हरिकिशन गौड़, मोहित गौड़ और ऋषि राज सिंह के दहशत से मुक्ति दिलाने एवं परिजनों को आर्थिक मदद की मांग की है. बता दें कि पार्किंग को लेकर मामूली कहा सुनी के बीच जम्मू में नेता ने अपने लाइसेंसी बंदूक से प्रवेश कुमार को गोली मार दी थी, जिसमें हरिकिशन गौड़, मोहित गौड़ और ऋषिराज सिंह ने सहयोग किया था. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो चुकी है. बस्ती वासियों ने बताया कि उक्त के द्वारा आए दिन लाइसेंसी हथियार का खौफ दिखाकर और एससी-एसटी के नाम पर केस करने की धमकी देकर बस्ती वासियों का भयादोहन किया जाता है. जिससे बस्ती वासी भयाक्रांत हैं. इस संबंध में एसपी कौशल किशोर ने बताया कि घटना के तीन आरोपी सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं. एक की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं हथियार का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा कर दी गई है. जल्द ही हथियार का लाइसेंस रद्द हो जाएगा. साथ ही उन्होंने बस्ती वासियों को भरोसा दिलाया, कि पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी किसी से डरने की जरूरत नहीं है .
जमशेदपुर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं को लेकर गुरुवार को एसयूसीआई जमशेदपुर इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल जिला मुख्यालय पहुंचा और उपायुक्त के नाम 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा. इसमें जमशेदपुर शहरी के अलावा चाकुलिया, धालभूमगढ़, घाटशिला पोटका और डुमरिया के भी कार्यकर्ता शामिल हुए. सौंपे गए मांगपात्र के जरिए इन्होंने शहर में दिन के वक्त भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने, जन वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले अनाज प्रतिमाह मुहैया कराने, मनरेगा के तहत प्रतिदिन ₹500 और साल में 200 दिन का रोजगार दिए जाने, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली करने, धान का सरकारी दर ₹3000 प्रति क्विंटल करने एवं लैंपस के माध्यम से धान खरीद की प्रक्रिया को सुगम बनाने, अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को स्टाइपेंड देने हाथियों के सुरक्षा के मद्देनजर एलिफेंट कॉरिडोर का निर्माण करने, आवारा पशुओं का आतंक रोकने और जमशेदपुर में पार्किंग के मनमानी शुल्क पर रोक लगाए जाने की मांग की है.
16 नवंबर की देर रात मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा गांव में चार मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया था. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि इन पर प्रतिमा खंडित करने का नहीं बल्कि साक्ष्य छिपाने का आरोप है.
मंदिरों में प्रतिमाओं को खंडित करने के मामले में पुलिस का कहना है कि सुखदेव उरांव उर्फ जट्टू के द्वारा मुड़मा गांव में स्थित चार मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया. प्रतिमा को खंडित करने के बाद सुखदेव अपने घर चला गया, वहीं परिजनों को उसने इस पूरे मामले की जानकारी दी. हालांकि इस घटना को लेकर परिजनों ने उसके साथ मारपीट की. इसी बीच उसे मिर्गी का दौरा पड़ा और फिर उसकी मौत हो गई. प्रतिमाओं की खंडित करने का मामला जब लोगों को पता चला तो लोगों का आक्रोश जमकर फूट पड़ा और पूरे मांडर इलाके को लोगों ने जाम कर दिया. मृतक के परिजन जिन्हें इस पूरे मामले की जानकारी थी, उन्होंने पुलिस को प्रतिमा खंडित होने से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की. इसके अलावा आरोपी सुखदेव उरांव के शव को भी जला दिया.इस पूरे मामले में जब पुलिस की जांच आगे बढ़ी और मामले में तार एक दूसरे से जुड़ने लगे तो पुलिस सुखदेव के घर पहुंची. परिजनों ने पूछताछ के शुरुआती दौर में कुछ भी नहीं बताया और ना ही कोई जानकारी साझा की. हालांकि इसी दरमियान जब पुलिस के द्वारा कड़ाई से पूछताछ की गई तब परिवार टूट गया और सुखदेव उरांव के भाई इटावा और सोमा उरांव ने पुलिस को पूरी कहानी बता दी. इसके बाद पुलिस ने इन दो आरोपियों को साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीण एसपी ने बताया कि कई टेक्निकल एविडेंस भी पुलिस को मिले हैं, साथ ही आरोपियों के द्वारा पुलिस को यह जानकारी भी दी गई है कि मुड़मा मेले में दुकान लगाने को लेकर कुछ लोगों के साथ उनका विवाद हुआ था. इस आक्रोश के कारण सुखदेव ने शराब के नशे में प्रतिमाओं को खंडित किया था. ये भी कहा जा रहा है कि सुखदेव मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर भी था.
एक बार फिर बंद गिरिडीह सदर अस्पताल में डायलिसिस सेवा, मरीजों ने किया रोड जाम, लगाए सदर विधायक सोनू के खिलाफ नारेबाजी, कहा गए सदर विधायक सोनू
गिरिडीह
गिरिडीह की स्वास्थ सुविधा पहले से गड़बड़या हुआ था। और सदर डायलिसिस सुविधा के अचानक बंद होने से मरीज परेशान हो गए है। लिहाजा, गुरुवार को परेशान मरीजों ने सदर अस्पताल और कोर्ट रोड को जाम कर धरना पर बैठ गए। रोड जाम होने से आवागमन ठप पड़ गया। कोर्ट जाने वाले वकील और उनके क्लाइंट तक परेशान हो गए। क्योंकि सदर अस्पताल और कोर्ट रोड को परेशान मरीजों ने दो तरफ से जाम कर दिया था। इस दौरान सदर एसडीपीओ अनिल सिंह की गाड़ी भी रोड जाम देख कर अपने रास्ते को बदल दिया। और उन्हें वापस दूसरे रास्ते से जाना पड़ा। एसडीपीओ इस दौरान रोड जाम करने वाले परेशान मरीजों से बातचीत करना तक जरूरी नहीं समझे। हालाकि रोड जाम के हालत देखते हुए नगर थाना पुलिस तैनात तो थे। लेकिन मरीजों की परेशानी देख पुलिस भी खामोश रहना ही उचित समझे। मरीजों को रोड जाम करते देख कई वकीलों ने इस दौरान गिरिडीह के सदर विधायक सुद्विया कुमार सोनू और सिविल सर्जन पर भड़कते हुए कहा की गिरिडीह में सदर विधायक सोनू को दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है। इसके बाद भी गिरिडीह स्वास्थ विभाग का हाल ऐसा है की डायलेसिस सुविधा बंद होने से मरीजों को रोड जाम करना पड़ा है। वकीलों ने कहा की ऐसे कुछ दिन पहले भी हुआ था। जब रोड जाम कर दिया गया था। उस वक्त सिविल एसडीएम के पहल पर सुविधा बहाल किया गया था। वकीलों ने कहा की सदर विधायक सोनू की लापरवाही के कारण बार बार ऐसा हो रहा है। और सदर अस्पताल में स्वास्थ सुविधा पहले से बदतर होता जा रहा है। इस बीच नगर थाना प्रभारी राम नारायण चौधरी भी जाम कर रहे मरीजों से बातचीत के लिए पहुंचे, लेकिन उनके बातो को सुनने के बाद मरीजों ने रोड जाम हटा दिया। इधर सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने मरीजों के परेशानी को सुनने से हाथ खड़ा करते हुए कहा की अब उनके हाथ में कुछ नहीं रह गया है। डायलेसिस सुविधा बंद होने का कारण अभी तक स्काई संजीवनी एजेंसी ने कुछ नहीं बताया है। और न ही कॉल उठा रहे है। इस बीच सदर अस्पताल में कार्यरत डायलेसिस एजेंसी के सेंटर में ताला लटका हुआ था। फिलहाल मरीज के डायलेसिस की सेवा बहाल नहीं हो पाया था। तो दूसरी तरफ सिविल सर्जन ने भी इंकार कर दिया की उनके हाथ में अब कुछ नहीं रहा है लोग अपने स्तर से ही डायलेसिस कराए।