गढ़वा : जिले के कांडी प्रखण्ड मुख्यालय स्थित मदरसा के 19 बच्चे खाना खाने से बीमार हो जाने के मामला में रविवार को पुलिस इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने मदरसा पहुंच कर पूछ-ताछ करते हुए जांच पड़ताल किया। पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रथम जांच में यह घटना फ़ूड पॉयजनिंग का लगता है। अगर रैट कील जहर बच्चों के खाने में मिला होता तो पीड़ित बच्चे इतने जल्द स्वस्थ्य नही हो पाते। पुलिस ने मदरसे के सदर मोहम्मद इकबाल खलीफा, हाफिज अब्दुल माजीद, गुलाम मुर्तुजा अंसारी, बच्चे व रसोइया से कई बिंदुओं पर पूछताछ की। उन्होंने बताया कि रेफरल अस्पताल मझिआंव में पीड़ित 19 बच्चों में से मात्र 4 से 5 बच्चों को ही स्लाइन किया गया था शेष बच्चों का कोई इलाज नही हुआ है। बाकी बच्चे ठीक थे।पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि पुलिस घटना का सनहा दर्ज कर ली है।
अगर मदरसा कमिटी या किसी अभिभावक के द्वारा थाना को आवेदन मिलता हैं तो पुलिस आवेदन के आधार पर जांच करेगी। मीडिया के द्वारा पूछे जाने पर की बना हुआ भोजन का जांच के लिए सेम्पल क्यों नही लिया गया ? साथ ही मदरसा में पढ़ाई कर रहे 20 बच्चों में से 19 बच्चे ही भोजन किए एक बच्चा भोजन क्यों नही खाया? इस पर कांडी एसआई स्वामी रंजन ओझा ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो जिस बर्तन में भोजन रखा हुआ था वह पूरी तरह खाली था। बर्तन को साफ कर रखा हुआ था। इसी वजह से भोजन का सेम्पल पुलिस नहीं ले सकी।उन्होंने बताया कि यहां पर बच्चों के बीच भोजन परोसने वाला कोई नही है। बच्चे स्वंय भोजन परोसकर खाना खाते हैं। दूसरी बात है कि एक बच्चा भोजन क्यों नही किया तो बच्चा से पूछने पर उसने बताया कि उसके पेट में दर्द था, जिस कारण वह भोजन नहीं किया था।
मदरसा के आंगन में खुले आकाश के नीचे चूल्हे पर खाना पका रही मदरसा की रसोइया खुशबून बीबी ने बताया कि मैं मदरसा में पिछले आठ वर्षों से बच्चों के लिए खाना बनाने का काम कर रही हूं। घटना के दिन भी मैं बच्चों के लिए दाल, चावल व सब्जी बनाकर कमरे के अंदर अच्छी तरह से ढक कर रख कर दूसरे जगह काम करने चली गयी थी। मैं गरीब महिला हूँ। एक जगह काम करने से परिवार नहीं चल सकता है। घटना कैसे घटी मैं नही बता सकती। मदरसा सदर मोहम्मद इकबाल खलीफा ने घटना के विषय मे बताया कि इतनी बड़ी घटना कैसे घटी मैं भी आश्चर्यचकित हूँ। देखिये जांच पड़ताल चल रहा है। कुछ रिजल्ट निकल कर आ सकता है।