चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
भगवानपुर ,बेगूसराय : प्रदेश मुखिया महा संघ के आह्वान पर मंगलवार को भगवानपुर प्रखंड मुखिया संघ इकाई द्वारा भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय पर अपनी 21सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। इस धरना के माध्यम से मुख्य रूप से ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के अनुरूप प्रदत 29 अधिकारों को पूर्ण रूपेण ग्राम पंचायत को सौंपा जाए।ग्राम पंचायत त्रिस्तरीय प्रतिनिधियों का मानदेय भत्ता में बढ़ोतरी की जाय ।ग्राम सभा की रक्षा हेतु ग्राम सभा से पारित निर्णयों को शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराया जाए।ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद करे।मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। एवं इस योजना का नाम ग्राम प्रधान सोलर स्ट्रीट लाइट योजना रखा जाए।पंचायत सरकार भवन के निर्माण में पूर्व में ही एल ए ई ओ असफल साबित हुई है इसे एल ए ईओ से हटाकर ग्राम पंचायत को जिम्मा पुनः दिया जाए।मुख्यमंत्री नल जल योजना का कार्य पूरी तरह बाधित है इसे पी एच ई डी से हटाकर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के हवाले किया जाय। ग्राम पंचायत के मुखिया एवं अन्य प्रतिनिधियों को उनकी सुरक्षा हेतु आवश्यकता अनुसार उनके मांग पर शस्त्र लाइसेंस निर्गत किया जाए।पंचायत में बंद पड़े कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दाह संस्कार एवं दफन से पहले भुगतान की व्यवस्था
सुनिश्चित किया जाय।सभी तरह के सामाजिक सुरक्षा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन एवं मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन के चयन का अधिकार ग्राम सभा को दिया जाय। ग्राम पंचायत को पुनः जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए।अपराधियों द्वारा हत्या कर दिये गये मुखिया के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। एवं ऐसी घटना में घायल मुखिया को इलाज का पूर्ण रूपेण सरकारी खर्चे से कराया जाए। एवें दोषियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अभिलंब सजा दिलाया जाय ।वही धरना को संबोधित करते हुए मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा लगातार पंचायत के अधिकारों में कटौती किया जा रहा है जो ग्राम स्वराज्य की आत्मा एवं महात्मा गांधी के सपनों पर कुठाराघात है पंचायत राज संस्थानों को लगातार कमजोर किया जा रहा है ग्रामसभा के निर्णय का पालन नहीं करने दिया जा रहा है एवं ग्राम सभा में क्या निर्णय लेना है यह सरकार के अधिकारियों के द्वारा ही निदेर्शित करते हुए ग्राम पंचायत को पत्र प्रेसित किया जाता हैजो पंचायती राज के मूल भावना पर कुठाराघात है।उन्होंने कि मुखिया को राशन कार्ड और प्रधान मंत्री आवास देने का अधिकार नहीं है।वही जिला पार्षद दिनेश चौरसिया ने कहा कि मुखिया के अधिकारियों को सरकार हनन कर रही है । इन दिनों अफसर शाही का बोल बाला है किसी का कोई सुनने बला नही है उन्होंने वर्तमान व्यवस्था पर जमकर भरास निकली ।वही मुखिया सुनील राय ने कहा कि ग्राम पंचायत की स्थापना इस लिए की गई थी कि पंचायत में ही आम जनता का काम हो और पंचायत का विकास हो और आत्म निर्भर बने पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार मुखिया के अधिकारों को दिन प्रतिदिन छीनने में ही जुटी हुई है जो चिंता का विषय है। वही मुखिया प्रणव भारती ने कहा कि पंचायतों में आर टी पीएस केंद्र खोला गया है पर उस आर टी पीएस केंद्र पर जाति आवासीय और जन्म प्रमाण पत्र नही बनता है जिससे आम जनता को प्रखंड आर टी पीएस केंद्र का चक्कर लगाना पड़ता है।आए दिनों मुखिया की हत्या अपराधियों द्वारा कर दी जाती है सरकार कहती है मुखिया को सुरक्षा देगें पर सरकार की घोषणा कागज में ही सिमट कर रह जाती है। मौके पर मुखिया सुरेंद्र पासवान, मुखिया शिवशंकर महतो , मुखिया रजनीश कुमार ,मुखिया प्रतिनिधिअनिल सहनी, सुरेंद्र कुमार सुमन,राहुल कुमार, उप मुखिया अविनाश कुमार, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि नीरज कुमार ,मुन्ना सिंह,गालिब, वार्ड सदस्य
अजय कुमार आदि उपस्थित थे।