तोशखाना मामले में इमरान खान को 3 साल की जेल, 5 साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
इस्लमाबादः पाकिस्तान में एक बड़े घटनाक्रम में, एक जिला और सत्र अदालत ने शनिवार को तोशाखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई है । इसके साथ ही वे अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस्लामाबाद की निचली अदालत ने उन पर 1 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है।इससे पहले इस्लमाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निचली अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए उसे भ्रष्टाचार के उस मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा था जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर लाभ कमाने के आरोपी हैं। मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने अपने फैसले में सत्र अदालत को मामले की नये सिरे से सुनवाई करके मामले की पोषणीयता के मामले में फिर से निर्णय लेने का आदेश दिया।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने मामले को दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित करने की इमरान खान की अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत का यह फैसला पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले आया है जिसमें खान को जीत की उम्मीद है। नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होगा, लेकिन उम्मीद है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार नौ अगस्त को निचले सदन को भंग कर देगी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने तोहफों की खरीद-बिक्री के मामले में इमरान खान (70) के खिलाफ सुनवाई जिला अदालत में करने के विरूद्ध पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दायर कई याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अदालत के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने फैसला सुनाते हुए सत्र अदालत को यह भी आदेश दिया कि वह मामले में नये सिरे से सुनवाई करके फिर से तय करे कि मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं। इससे पहले, पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के खिलाफ दायर इमरान खान की याचिका खारिज कर दी। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री पर राज्य भंडार से अपने पास रखे उपहारों का विवरण छिपाने का आरोप है।
इमरान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए विदेश यात्रा के दौरान मिले राजकीय तोहफों को बेचने का आरोप है जिनकी कुल कीमत 6.35 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को इस्लामाबाद सत्र अदालत में चल रहे तोशाखाना मामले की सुनवाई पर रोक लगाने के खान के अनुरोध को खारिज कर दिया था।