ऋषभ कुमार की रिपोर्ट
रजौली ,नवादा,: प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में इन दिनों मौसम में हो रहे तेजी से बदलाव के कारण लोगों के सेहत पर खासा असर पड़ रहा है। भीषण गर्मी के बीच मानसूनी वर्षा फिर भीषण उमस व गर्मी से मौसम में बदलाव के साथ डायरिया, उल्टी, बुखार, सर्दी-खांसी, पेट दर्द, सिर दर्द के मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा होने लगा है। अनुमंडलीय अस्पताल रजौली से लेकर निजी क्लीनिकों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है। अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या पिछले सात दिनों में काफी बढ़ गई है। अस्पताल के ओपीडी में इन दिनों 40 से 50 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों के स्वास्थ्य में बदलाव का मुख्य कारण मौसम में हो रहे परिवर्तन से जुड़ा पाया गया है।अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक सतीश चंद्र सिन्हा ने बताया कि बदलते मौसम के साथ कभी तेज धूप तो कभी वर्षा वहीं रात में मौसम में ठंडक व दिन में अचानक बढ़ती गर्मी की वजह से लोगों के डायरिया,लूज मोशन, बुखार और सर्दी जुकाम की शिकायत ज्यादा आ रही है। ऐसे में लोगों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।हालांकि इस वक्त दूसरे बीमारियों के मरीज ना के बराबर आ रहे हैं।वहीं सभी मरीजों को इलाज के बाद मुफ्त में दवाई भी दी जा रही है। ओपीडी दवा वितरण काउंटर में सभी तरह के दवाइयों में अलग-अलग बीमारियों की दवाईयां इस वक्त मौजूद है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
अनुमंडलीय अस्पताल रजौली के प्रभारी उपाधीक्षक डा दिलीप कुमार ने जानकारी देते हुये बताया कि डायरिया होने पर लापरवाही ना करें।वायरल के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर इलाज में लापरवाही न बरतें। कई बार घरेलू इलाज के चलते मरीज को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाता।जिससे शरीर में पानी की कमी से मरीज की हालात गंभीर हो जाती है। डिहाइडे्रशन जानलेवा साबित हो सकता है। तेज बुखार बना रहने पर जांच कराना जरूरी समझें।मरीजों को दो या तीन दिन लगातार बुखार बना रहने पर ब्लड जांच कराने के साथ डॉक्टरी सलाह से ही दवाएं लें। बारिश में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। बुखार बने रहने पर मरीज को मलेरिया और डेंगू की जांच भी करा लेनी चाहिए।