गोबिंद कुमार की रिपोर्ट
नावकोठी ,बेगुसराय : में बढ़ती लागत को देखते हुए यह आवश्यक है कि तकनीकी आधारित खेती को बढ़ावा दिया जाए इसके लिए डॉ रेड्डी फाउंडेशन के मित्रा कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी सहयोग से खेती बाड़ी कराया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य है कि किसान भाइयों को खेती में लागत कम करते हुए अपने खेतों को फायदामंद बनाना है इसी कार्यक्रम के संपूर्ण जिले सहित सरायरंजन प्रखंड के सरायरंजन पूर्वी में अग्रणी किसान अनिल कुमार सिंह के खेतों में धान की सीधी बुवाई जीरो टिलेज मशीन से कराया है जिससे किसान भाइयों की लागत में कमी होगी और पैदावार भी अधिक होगा एवं किसान भाइयों को बिचड़ा गिराने में भी छुटकारा मिला है इस तकनीकी का उपयोग को देखकर उपस्थित किसान भाइयों में काफी उत्साह देखा गया है और नवीनतम तकनीकी को अपनाने पर किसानों ने अपनी सहमति भी व्यक्त की है कृषि विज्ञान केंद्र लादा के वरिय वैज्ञानिक एवं केन्द्र प्रधान अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया समय-समय पर सीधी बुवाई आधारित कृषि प्रशिक्षण दिया जाता है जलवायु परिवर्तन के दौर में नवीनतम कृषि तकनीकी को अपनाना बेहद जरूरी है जिससे किसान आवश्यकतानुसार परंपरागत खेती को छोड़कर डीएसआर विधि से धान की बुवाई कर समृद्धि ला सकते हैं। मौके अग्रणी किसान मुरलीधर, सीएफ रिमा राय, सीएफ पप्पू कुमार,यतीन कुमार, आदि उपस्थित थे।