ब्यूरो चीफ चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
पटना,बिहार : बिहार पुलिस मुख्यालय पटना द्वारा विभिन्न व्यक्तिगबिहार पुलिस मुख्यालय पटना द्वारा विभिन्न व्यक्तिगत आयोजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा विवाह इत्यादि समारोहों में वैध/अवैध आग्नेयास्त्रों से हो रही हर्ष फायरिंग की घटनाओं में निर्दोष व्यक्तियों के घायल हो जाने, मृत्यु हो जाने की घटनाओं तथा सार्वजनिक रूप से शस्त्रों के प्रदर्शन से आम जनता में भय की स्थिति उत्पन्न होने की घटनाओं पर प्रभावी रोक थाम हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निर्गत की गयी हैत आयोजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा विवाह इत्यादि समारोहों में वैध/अवैध आग्नेयास्त्रों से हो रही हर्ष फायरिंग की घटनाओं में निर्दोष व्यक्तियों के घायल हो जाने, मृत्यु हो जाने की घटनाओं तथा सार्वजनिक रूप से शस्त्रों के प्रदर्शन से आम जनता में भय की स्थिति उत्पन्न होने की घटनाओं पर प्रभावी रोक थाम हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निर्गत की गयी है। सभी पुलिस अधीक्षकों को इस मानक संचालय प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित कराने तथा क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों /उप महानिरीक्षकों को इसका अनुश्रवण करने हेतु निदेश दिया गया है।
शस्त्र अधिनियम में संशोधन
हर्ष फायरिंग की घटनाओं में हो रही वृद्धि तथा उससे होने वाली क्षति को देखते हुये इसे नियंत्रित करने हेतु केन्द्र सरकार के द्वारा शस्त्र अधिनियम में संशोधन किया गया है, जो शस्त्र संशोधन अधिनियम के नाम से जाना जाता है। इस अधिनियम की धारा 25उप धारा 09 में वर्णित प्रावधान निम्नलिखित हैं:-
धारा 25 उपधारा 09
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जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई अनुष्ठानिक गोलाबारी का उपयोग करेगा, जिससे मानव जीवन या किन्हीं अन्य की वैयक्तिक सुरक्षा संकटापन्न हो जाए,वह कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा।
स्पष्टीकरण
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इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए “अनुष्ठानिक गोलाबारी” से जन सभाओं,धार्मिक स्थानों, विवाह समारोहों या अन्य उत्सवों में गोलाबारी करने के लिए अग्न्यायुध का
प्रयोग करना अभिप्रेत है।
माननीय उच्च न्यायालय, पटना के द्वारा भी एक मामले में सुनवाई के पश्चात् हर्ष.फायरिंग के विरुद्ध दण्डात्मक प्रावधानों के व्यापक प्रचार प्रसार करने, हर्ष फायरिंग की घटनाओं के सम्बन्ध में विधि अनुरूप मामला दर्ज कर कार्रवाई करने तथा हर्ष फायरिंग की घटना होने पर शस्त्र अधिनियम की धारा 17 के अन्तर्गत अनुज्ञप्ति निलम्बित / रद्द करने हेतु दिशा निदेश भी पारित किया गया है।
इस स्थायी आदेश में हर्ष फायरिंग की घटनाओं की रोकथाम हेतु विशेष रूप से निरोधात्मक कार्रवाई पर बल दिया है।
सभी वरीय पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को निम्नलिखित निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं।
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सभी अनुज्ञप्ति धारियों की अनुज्ञप्तियों का सत्यापन एक माह में करा लिया जाय ।वार्षिक सत्यापन भी नियमित कराया जाए।थाना क्षेत्र विवाह स्थलों, होटल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन इत्यादि की सूची संधारित की जाए तथा ऐसे स्थलों पर सी०सी०टी०वी० लगाये जाने हेतु थाना स्तर से प्रेरित किया। ऐसे स्थलों के प्रबन्धकों को उनके यहाँ होने वाले वैवाहिक ,सामाजिक,सांस्कृतिक इत्यादि आयोजनों की पूर्व जानकारी थाना में देने हेतु निदेशित किया जाए।
इस प्रकार के आयोजनों की सूचना पर थानाध्यक्ष के द्वारा उभयपक्षों / आयोजनकर्ताओं से सम्पर्क कर हर्ष फायरिंग से सम्बन्धित घोषणा पत्र भरवाकर,जिसमें कार्यक्रम की तिथि, आयोजन का प्रकार आयोजन स्थल का नाम सम्बन्धित पक्ष ,आयोजनकर्ता का पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर सहित, भाग लेने वालों की अनुमानित संख्या, इत्यादि जानकारी रहेगी, प्राप्त करना है। इस घोषणा पत्र में उभय पक्ष ,आयोजनकर्ता को हर्ष फायरिंग की घटना से संबंधित विधिक प्रावधान की जानकारी दी गयी है तथा कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार के शस्त्र का दुरुप्रयोग एवं हर्ष फायरिंग की घटना होने पर इसकी सूचना उनके द्वारा संबंधित थाने में देने का प्रावधान है।. विवाह स्थलों, होटल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन में प्रबन्धकों ,स्वामियों से अपेक्षित होगा कि एक सूचनापट्ट पर भी यह सूचना दें कि अस्त्र शस्त्र का दुरुपयोग हवाई फायरिंग विधि विरुद्ध है।
थानाध्यक्षों को चौकीदारी परेड पर चौकीदारों से उनके क्षेत्र में होने वाले इस प्रकार के आयोजनों की सूचना लेनी होगी तथा विभिन्न माध्यमों से आमजनों में प्रचार प्रसार कराना होगा।जहाँ ऐसी आशंका होगी कि शस्त्र का दुरुपयोग / हर्ष फायरिंग हो सकती है वहाँ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करते हुये वीडियोग्राफी करायी जाएगी। आवश्यकतानुसार जिला प्रशासन के द्वारा धारा 144 के अन्तर्गत कार्यक्रम स्थलों पर हथियार ले जाने से प्रतिबन्धित भी किया जा सकता है।सांस्कृतिक कार्यक्रमों , ऑकेस्ट्रा के लिए आयोजनकर्ता को सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेते हुये इसकी सूचना को देनी होगी।शस्त्रों के विधि विरुद्ध प्रयोजन पर शस्त्र अधिनियम की धारा 20 के अन्तर्गत गिरफ्तारी तथा शस्त्र के जप्त करने का प्रावधान है।राज्य के सभी शस्त्र अनुज्ञप्ति धारियों को सूचित किया जाता है आयुध अधिनियम 1959 की धारा 17 एवं धारा 25 की उप धारा 09 के प्रावधानों के अनुपालन हेतु अनुष्ठानिक।या हर्ष फायरिंग (Celebratory Gun Firings) नहीं करें अन्यथा ऐसा किये जाने पर इस सम्बन्ध में आयुध अधिनियम 1959 की धारा 17 के आलोक में अनुज्ञप्ति निलम्बित या रद्द किये जाने का प्रावधान है तथा धारा 25 की उप धारा 09 के प्रावधानों के अधीन 02 साल का कारावास या 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।