सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देवघर और बासुकीनाथ मंदिर के साथ-साथ मंदिरों को खोलने और पूजा की इजाजत दे दी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंदिर में ई-दर्शन, दर्शन करना नहीं होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि कोरोना संकट काल में भीड़ न लगे, इसके लिए भक्तों को मंदिर में सीमित संख्या में दर्शन करने की व्यवस्था क्यों नहीं करते ?
इसके साथ ही सांसद ने उच्चतम न्यायालय का आभार जताया है.
उल्लेखनीय है कि सावन मेले को लेकर बाबा बैद्यनाथ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खुलवाने के लिए दाखिल याचिका झारखंड हाइकोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी.
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं दी है. झारखंड हाईकोर्ट में भी सरकार ने इस बारे में अपना पक्ष रखा था.
हाईकोर्ट ने कहा था कि लोगों की धार्मिक आस्था को देखते हुए सरकार इन मंदिरों में होने वाली पूजा की ऑनलाइन दर्शन कराने की व्यवस्था करे. सावन के पहले दिन से हो सुबह शाम पूजा की ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है.
इसके बाद डॉ निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी. उसकी सुनवाई 31 जुलाई को निर्धारित की गई थी.