नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ होने के बाद इससे जुड़ी अन्य परियोजनाओं पर ओवरटाइम कर रही है, ताकि 2023 में मंदिर बनने से पहले इन्हें पूरा किया जा सके. इसमें प्रतीकात्मक राम सेतु के साथ 100 एकड़ का एक थीम पार्क बन रहा है, जो दर्शनार्थियों को मानव निर्मित झील के सहारे शबरी गार्डन से अशोक वाटिका तक ले जाएगा.भगवान राम की जिंदगी पर अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय लोकार्पण के लिए तैयार है. एयरपोर्ट और भगवान राम की प्रतिमा बनाने का तेजी से पूरा करने के लिए 640 करोड़ दिए जा चुके हैं. इसके अलावा, पवित्र शहर को चमकाने की योजना के तहत सरयू नदी को साफ करने पर 600 करोड़ खर्च हो रहे हैं.उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हम अगले साल अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट पर पहली कमर्शियल फ्लाइट लैंड कराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के खातिर जमीन अधिग्रहण करने के लिए 640 करोड़ रुपये में से 526 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं.’ उन्होंने कहा कि राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के लिए जमीन अधिग्रहण और टेक्निकल स्टडी लागत करीब 647 करोड़ रुपये हैं, जिसमें से 227 करोड़ दिए जा चुके हैं.अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हमारा लक्ष्य रामनवमी (2 अप्रैल 2020) तक मूर्ति की आधारशिला के लिए समारोह का आयोजन करना है.’ भगवान राम की मूर्ति के लिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (CSR) एकाउंट से फंड मिलेगा. इससे प्रोजेक्ट के लिए रकम जुटाने में सहूलियत होगी.इसके अलावा अयोध्या में 100 एकड़ से ज्यादा में देश का सबसे बड़ा थीम पार्क भी बनने वाला है. इस भव्य परियोजना में रामायण की झांकी दिखेगी. इसे 2020 तक आम जनता के लिए खोला जा सकता है. यहां अयोध्या और लंका दोनों की झलक मिलेगी. इसमें बेर के पेड़ों के साथ शबरी गार्डन भी बनेगा. यह रामायण का विख्यात प्रसंग है, जहां भगवान राम एक आदिवासी महिला के जूठे बेर खाते हैं. इसके साथ ही मानव निर्मित झील पर राम सेतु भी बनेगा. राम सेतु के दूसरी तरफ अशोक वाटिका होगी, जहां रावण ने हरण के बाद सीता को रखा था.