मानगो सहारा सिटी बलात्कार कांड में नानक सेठ और उसकी पत्नी ममता सेठ को पॉलीग्राफ़ टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की सहमति के लिए सीआईडी ने भेजा पत्र
मानगो सहारा सिटी में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीआईडी ने मामले के मुख्य गवाह नानक सेठ और उनकी पत्नी ममता सेठ को ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए एक सहमति पत्र कोर्ट के आदेश से भेजा है . सीआईडी इन दोनों टेस्टों के लिए उनकी और उसकी पत्नी की सहमति प्राप्त करना चाहती है. बिना उनकी सहमति के दोनों टेस्ट संभव नहीं है. हालांकि इसके जबाव के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. दरअसल मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत जिला एवं सत्र न्यायाधीश 5 श्री सुभाष की अदालत में सीआईडी की ओर से एक अर्जी डाली गई , जिसमें बताया गया की बलात्कार कांड की सच्चाई और उसके तहत तक पहुंचने के लिए दो मुख्य गवाहों नानक सेठ और उसकी पत्नी ममता सेठ का ब्रेन मेपिंग और पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराया जाना आवश्यक है . अदालत ने इस अर्जी पर विचार के बाद सीआईडी को निर्देशित किया कि इस टेस्ट के लिए टेस्ट कराए जाने वाले व्यक्ति की सहमति जरूरी है. इसलिए दोनों गवाहों को सहमति पत्र भेजा जाए . कोर्ट के आदेश से सीआईडी ने नानक सेठ और उनकी पत्नी ममता सेठ को सहमति पत्र जारी किया है . वही इस बात को लेकर गंभीर चर्चा छिड़ गई है, कि आखिर दो गवाहों नानक सेठ और उसकी पत्नी ममता सेठ का ब्रेन मेपिंग और पोलियो ग्राफी टेस्ट क्यों आवश्यक है? होना तो चाहिए पीड़िता का जिसने पुलिस को कोर्ट में सीआईडी को अपना बयान दिया है . उसने अभियुक्तों की पहचान की है और अपने साथ हुए बलात्कार की घटना का विस्तार से विवरण दिया है. इसके अलावा जिन लोगों पर आरोप है यानी इंद्रपाल सैनी, श्रीकांत महतो और शिव कुमार महतो का ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट होना चाहिए , ताकि घटना की असलियत का पता चल सके. जिन लोगों पर आरोप है वह सिरे से इन आरोपों को खारिज करते हैं. इसके अलावा दो पुलिस अधिकारियों पर भी बलात्कार के आरोप हैं. पीड़िता ने अपने बयान में स्वीकार किया कि एमजीएम थाना में उसके साथ दुष्कर्म हुआ था. तत्कालीन थाना प्रभारी और तत्कालीन डीएसपी ने भी उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था. पीड़िता नानक सेठ के घर में नौकरानी का काम करती थी. जब नानक सेठ और उसकी पत्नी ममता सेठ घर में नहीं होते थे तो उसके साथ दुष्कर्म किया जाता है . उसे बाहर भी ले जाया जाता था. जैसा कि पीड़िता ने अपने बयान में कहा था. उल्लेखनीय है कि घटना के संबंध में मानगो थाना में मामला दर्ज किया गया था. तीनों आरोपी जेल भेजे गए थे. हालांकि लम्बे समय बाद उन्हें जमानत भी मिल गई . वहीं पुलिस ने इन तीनों का ब्रेन मैपिंग टेस्ट का आदेश और सहमति दोनों प्राप्त करने के बाद इन्हें गांधीनगर ले गई . लेकिन केवल शिव कुमार का ही ब्रेन मैपिंग हो पाया. क्योंकि जांच के बाद बताया गया कि इंद्रपाल सैनी का ब्लड प्रेशर बढ़ गया है. ऐसे में उनका टेस्ट नहीं हो सकता है जबकि श्रीकांत महतो के बारे में बताया गया कि वे बांग्ला भाषी हैं जिसकी वजह से उनका बयान दर्ज करने में कठिनाई होगी. इसलिए इन दोनों को बिना नारकोटेस्ट के ही उन्हें वापस लौटा दिया गया.
बातचीत की मूल रिकॉर्डिंग मांगी सीआईडी ने
दूसरी ओर सीआईडी ने नानक सेठ को एक नोटिस भेज कर एमजीएम थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी इमदाद अंसारी, तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा, एमजीएम हॉस्पिटल के पीछे स्थित एक नर्सिंग होम की सिस्टर और पुलिस अधिकारियों के एक पैरवी कार समेत चार लोगों की रिकॉर्ड की गई बातचीत को असली रूप में यानी पहले जिस उपकरण से रिकॉर्डिंग की गई थी उसको प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया है. जानकारी हो कि नानक सेठ ने इन सभी रिकॉर्डिंग की सीडी कोर्ट में प्रस्तुत की है. लेकिन सीआईडी अनुसंधान के क्रम में चारों लोगों की वास्तविक रिकॉर्डिंग और उसकी बातचीत की असलियत जानना चाहती है. ताकि तकनीकी रूप से उसकी सच्चाई की जांच कराई जा सके . वही इस मुद्दे पर नानक सेठ का कहना है उसने जो सीडी कोर्ट में उपलब्ध कराई है उसका वास्तविक रूप कोर्ट की अनुमति के बाद ही वह किसी को देगा. क्योंकि कोर्ट को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए कि वास्तविक रिकॉर्डिंग का क्या और कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है. संभव है की रिकॉर्डिंग की सच्चाई को क्षति पहुंचाई जाए जिससे साक्ष्य कमजोर पड़े.
आखिर मेरे ब्रेन मैपिंग और पॉलियों ग्राफी टेस्ट की जरूरत सीआईडी को क्यों पड़ी, ना तो मैं प्रत्यक्षदर्शी गवाह हूं और ना ही मेरे नारको और पोलियो ग्राफिक टेस्ट को कोर्ट में साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. कायदे से तो नारको और पालियों ग्राफी टेस्ट पीड़िता और अभीयुक्तों का कराया जाना चाहिए. वैसे मैं इसके लिए तभी तैयार हो सकता हूं जब मेरे स्वास्थ्य को किसी भी तरह से क्षति न पहुंचे और पहुंचने पर मेरे परिवार को भारी-भरकम मुआवजा दिया जाए. मेरे जान माल की सुरक्षा की गारंटी ली जाए
नानक सेठ