नई दिल्ली. तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने इस साल कच्चे तेल की मांग का अनुमान घटा दिया है. संगठन ने गुरुवार को जारी अपने अनुमान में कहा कि इस साल कच्चे तेल की मांग हर रोज 5.8 मिलियन बैरल के हिसाब से बढ़ेगी.
इससे पहले जनवरी में संगठन ने हर रोज 5.9 मिलियन बैरल प्रति दिन का अनुमान आया था. इससे कल कच्चे तेल के बाजार में कुछ नरमी रही. हालांकि अभी भी ब्रेंट क्रूड 61 डॉलर प्रति बैरल के उपर ही ट्रेड कर रहा है.
घरेलू बाजार में लगातार चौथे दिन दोनों ईंधनों की कीमतों में वृद्धि की गई है. दिल्ली में शुक्रवार को पेट्रोल जहां 29 पैसे बढ़ कर 88.14 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया, वहीं डीजल तो 35 पैसे प्रति लीटर की छलांग लगा कर 78.38 रुपये प्रति लीटर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया
नया साल पेट्रोलियम ईंधनों के लिए अच्छा नहीं रहा है. यूं तो बीते जनवरी और फरवरी में महज 16 दिन ही पेट्रोल महंगा हुआ, लेकिन इतने दिनों में ही यह 4.33 रुपये महंगा हो गया है. मुंबई में तो पेट्रोल 94 रुपये के पार चला गया है, जो कि मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा है.
इसके साथ ही लगभग सभी शहरों में पेट्रोल सर्वकालिक उच्च स्तर पर चला गया. इसी दौरान दौरान ही डीजल भी 4.51 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. यह भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है.