नीरज मुर्मू की उपलब्धि झारखण्ड के लिए गौरव का क्षण…हेमन्त सोरेन
निजाम खान
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने गिरिडीह निवासी नीरज मुर्मू को गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा डायना अवार्ड से सम्मानित किये जाने पर शुभकामनाएं और बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा नीरज की उपलब्धि पूरे झारखंड के लिए गौरव का क्षण है। बच्चों के साथ सामाजिक बदलाव लाने वाले इस शिक्षक की यात्रा प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री ने
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के श्री कैलाश सत्यार्थी को भी अपना मार्गदर्शन नीरज को देने के लिए धन्यवाद दिया है।
*इसलिए मिला सम्मान…*
गिरिडीह के दुलियाकरम निवासी नीरज मुर्मू नीरज 10 साल की उम्र में परिवार का पेट पालने के लिए अभ्रक खदानों में बाल मजदूरी करता था। इसक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने उसे बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इसके बाद नीरज सत्यार्थी आंदोलन के साथ मिलकर बाल मजदूरी के खिलाफ काम करने लगा। वह लोगों को समझा-बुझा कर उनके बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर स्कूलों में दाखिला कराने लगा। ग्रेजुएशन की पढ़ाई जारी रखते हुए उसने गरीब बच्चों के लिए अपने गांव में एक स्कूल की स्थापना की, जिसके माध्यम से वह बच्चों को समुदाय के साथ मिलकर शिक्षित करने में जुटा है।