पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पहल पर टीएमएच ने माफ़ किया 1.58 लाख का अस्पताल बिल
जमशेदपुर डीसी समेत आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर पर भाजपा ने उठाये सवाल, वेटिंग फ़ॉर पोस्टिंग पर हेमंत सरकार को घेरा
● कोरोना महासंकट के बीच ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग संचालित कर रही सरकार : कुणाल षाड़ंगी
● महीनों से क्यों लटका है जमशेदपुर डीडीसी का पदस्थापन : कुणाल षाड़ंगी
कोरोना महासंकट के बीच लगातार अंतराल पर झारखंड सरकार अधिकारियों को स्थानांतरित कर रही है। मंगलवार को राज्य के 18 भारतीय प्रशासनिक सेवा रैंक के अधिकारियों का स्थानांतरण की अधिसूचना जारी कर दी गई। इनमें जमशेदपुर, धनबाद, राँची सहित कई जिलों के उपायुक्त रहें अधिकारियों को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक पदस्थापना के लिए प्रतीक्षारत कर दिया गया है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर एकबार फ़िर हमला बोला है। पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कोरोना महासंक्रमण के बीच ट्रांसफर और भारी तादाद में आईएएस अधिकारियों को “वेटिंग फ़ॉर पोस्टिंग” रखने पर झारखंड सरकार की कार्यसंस्कृति पर सवाल उठाये हैं। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि सरकार की मंशा अविवेकपूर्ण और ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग को प्रोत्साहित करने की लगती है। उन्होंने सरकार से चार बिंदुओं पर सवाल पूछते हुए स्थिति स्पष्ट करने की माँग की है। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पूछा कि ऐसी कौन सी अत्यंत अनिवार्यता आन पड़ी थी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के इतर सरकार ग़ैर जरूरी अंतरजिला आवागमन को प्रोत्साहित कर रही है। भाजपा प्रवक्ता ने पूछा है कि अधिकारियों के स्थानांतरण से जो वित्तीय दबाव राज्य सरकार के कोष पर पड़ेगा क्या उसके लिए राज्य सरकार तैयार है ? भाजपा प्रवक्ता ने तीसरे सवाल के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नित सरकार से पूछा है कि तेज़ी से बढ़ते संक्रमण और नये ज़िले के वस्तुस्थिति को समझने का पर्याप्त समय नये अधिकारियों को मिलेगा ताकि वे परिस्थितियों के अनुकूल कार्य कर सकें ? वहीं चौथे सवाल के रूप में भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सवाल किया कि आख़िर क्या कारण है कि आधे से अधिक आईएएस अधिकारियों को वेटिंग फ़ॉर पोस्टिंग में रखा गया है। भाजपा ने सरकार की कार्यसंस्कृति और मंशा पर भी सवाल उठाते हुए पूछा है कि आख़िर किस दबाव में जमशेदपुर के डीडीसी (उप विकास आयुक्त) के पद पर किसी अधिकारी का पदस्थापन नहीं किये जा रहे हैं जो महीनों से रिक्त है। भाजपा ने इन सवालों पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है।
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पहल पर टीएमएच ने माफ़ किया 1.58 लाख का अस्पताल बिल
पूर्व विधायक और भाजपा के तेज़तर्रार प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी के हस्तक्षेप से टाटा मुख्य अस्पताल ने मरीज का 1.58 लाख रुपये का अस्पताल बिल माफ़ किया है। जमशेदपुर के बारीडीह निवासी इंदु सिन्हा विगत कुछ दिनों से टीएमएच में इलाजरत थीं। उनका कुल बिल 3.48 लाख रुपये हो गये थें। परिजनों ने कुल 1.90 लाख चुकाये थे और शेष राशि भुगतान करने में असामर्थ्य थें। परिजनों ने सहयोग के लिए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी से हस्तक्षेप का आग्रह किया। उन्होंने मरीज की वित्तीय स्थिति पर संवेदनशीलता दिखाते हुए अस्पताल प्रबंधन से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया। बुधवार दोपहर को अस्पताल प्रबंधन ने 1.58 लाख रुपये का शेष बिल माफ़ कर दिया। इससे राहत की सांस लेते हुए परिजनों ने पूर्व विधायक और भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी के प्रति आभार जताया