कीर्तन करने से मन निर्मल होता है:- आनंद मार्ग
जमशेदपुर 8 अक्टूबर
अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र “बाबा नाम केवलम्” का स्वर्ण जयंती वर्ष सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर भारतवर्ष में 8000 से भी अधिक यूनिट में 3 घंटे के अखंड कीर्तन का आयोजन हुआ। भारत सरकार के धार्मिक स्थल के विषय में गाइडलाइन को फॉलो करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का कठोरता से पालन करते हुए कीर्तन किया गया
यह सर्वविदित है कि आनंद मार्ग प्रचारक संघ के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने 8 अक्टूबर 1970 को अझरिया लातेहार में अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र” बाबा नाम केवलम् “का अवदान मानवता के कल्याण हेतु प्रदान किया था। इस अवसर पर पिछले 49 वर्षों से हम आम झरिया में प्रत्येक वर्ष भव्य कीर्तन का आयोजन होता रहा है।
परंतु इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र
“बाबा नाम केवलम् ” के कीर्तन का आनंद मार्ग जागृति गादरा जमशेदपुर में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।।
8 अक्टूबर दिन गुरुवार को कीर्तन स्वर्ण जयंती वर्ष पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा प्रमुख श्रद्धेय आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत जी ने वेबीनार के माध्यम से विश्व के 180 देशों में फैले भक्तगण को संबोधित करते हुए कहा कि कीर्तन करने से मन निर्मल होता है और साधना में उन्नति होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की विकट स्थिति से निजात पाने में सामूहिक कीर्तन बहुत ही कारगर सिद्ध हो रहा है।