उज्जैन. गोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने उज्जैन में किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसान जिनके बल पर नाचते थे, वो हैं पंजाब के मुख्यमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री पहले ही अमित शाह से जाकर मिल चुके हैं. किसान आंदोलन में खालिस्तान के पक्षधर लोग घुस गए हैं. ऐसे में किसान धोखे में रहेंगे. आंदोलन में दिशाहीनता है. किसानों को भी दायित्व है कि वे संवाद का मार्ग अपनाएं. केंद्र सरकार को चाहिए कि कृषि विशेषज्ञों से राय मशविरा करके किसानों के लिए नीति बनाती. दो चार नेता ऐसे फैसले ले लेते हैं और बाद में उसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेते हैं. जिससे किसानों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ती है. शंकराचार्य ने कहा कि देश के सभी राजनीतिक दलों ने किसानों को हमेशा अंगूठा ही दिखाया है.
शंकराचार्य ने स्मार्ट सिटी परियोजना को विनाशकारी कहा है. स्मार्ट सिटी विकास के नाम पर अभिशाप है. सरकार को स्मार्ट सिटी के अर्थ पर विचार करना चाहिए. विकास के नाम पर मनुष्य भोजन करने और संतान उत्पन्न करने की मशीन बन जाता है. शंकराचार्य से जब पूछा गया कि सिंहस्थ महाकुंभ में जहां शंकराचार्यों के आश्रम बनते थे वहां पर सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर निर्माण कराने की योजना बना रही है तो उन्होंने कहा कि सरकार को तपोभूमि को भोगभूमि नहीं बनाना चाहिए. धार्मिक केन्द्रों को पर्यटन स्थल बनाकर संतों-महात्माओं का तिरस्कार न करे. सरकार महाकुंभ में मिले स्थानों से संतों को खदेडऩे की नीति नहीं बनाए. उन्होंने कहा कि मठ मंदिर धार्मिक किले हैं. सरकार संतों से संपर्क करके निर्णय ले.
धार्मिक क्षेत्र में राजनेताओं का हस्तक्षेप उचित नहीं
शंकराचार्य ने कहा कि धार्मिक क्षेत्र में राजनेताओं को हस्तक्षेप उचित नहीं है. राजनेता संतों को देखना पसंद नहीं करते हैं. उन्होंने कहा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे संत वेश में हैं. अर्धकुंभ को महाकुंभ घोषित कर दिया, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. लव जिहाद के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि इस विषय को हमने योगी आदित्यनाथ पर सौंप दिया है.
राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने वालों से हिसाब मांगा जाना चाहिए
अयोध्या में प्रस्तावित भव्य राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि अशोक सिंघल के समय भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा मांगा गया था. चंदा मांगने वालों से हिसाब मांगा जाना चाहिए. मुझसे चंदा लेने आएंगे तो मैं हिसाब किताब मांगूंगा.
महाकाल मंदिर के पास खुदाई में प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करे
महाकाल मंदिर के परिसर में खुदाई के दौरान मिले परमार कालीन मंदिर के अवशेष के बारे में शंकराचार्य ने कहा कि धार्मिक क्षेत्र में शासन तंत्र को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए बल्कि सेक्यूलर शासन तंत्र को सहभागी बनना चाहिए.