नई दिल्ली: चीन में बड़ी मुसीबत बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भारत पर भी मंडरा रहा है. हालांकि अब तक भारत में कोई भी केस पॉजिटिव नहीं मिला है. ऐसे में आयुष मंत्रालय ने इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है. आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव में होम्यापैथी और यूनानी दवाएं उपयोगी हैं. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणालियां-आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पर आधारित चेतावनी जारी की है.आयुष मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोराना वायरस तेजी से फैल रहा है. पूरा विश्व कोरोना वायरस से भयभीत है. ऐसे में होम्योपैथ, आयुर्वेद और युनानी पद्धति की वो दवाएं है जो वायरस से बचाव कर सकते हैं. आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार इस वायरस की रोकथाम के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं.
आयुर्वेद में सवाधानियां बचा सकती हैं संक्रमण से
– साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं. 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं.
– शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए). इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पीएं.
– बिना धोए हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें. जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें. बीमार होने पर घर पर रहें. संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग करें.
आयुर्वेदिक के अनुसार उपाय
– अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ.
– शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार.
– त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है. इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब पीते रहें.
– प्रतिमार्स नास्य- नाक में प्रतिदिन सुबह अनु तेल/तिल के तेल की दो बूंदें डालें.
– सलाह दी गई है कि इसे पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से ही अपनाएं
होम्योपैथी में आर्सेनिक एल्बम 30 का करें उपयोग
आयुष मंत्रालय की बैठक में विशेषज्ञों के समूह ने कहा है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है. इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है. खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए. ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके.
कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोगी यूनानी दवाएं
शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
नाक में रोगन बनाफशा लगाएं
अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें.