अखिल भारतीय साहित्य परिषद परिवार की काव्य गोष्ठी सह लिट्टी-चोखा का आयोजन लाजवाब रहा ।प्रथम सत्र में लिट्टी-चोखा व खीर का आनंद लेने बाद सभी साहित्यकार अपने रंग में रंग गए ।फिर तो अच्छी अच्छी रचनाओं की लड़ी सी लग गई । फिर दौर शुरू हुआ गीत गज़ल का । आदरणीय कृष्णा सिन्हा जी ने खूबसूरत गीत और गज़ल की प्रस्तुति देकर रंग ही बदल दिया । लाजवाब प्रस्तुति थी ।आज जाने की जिद …फिर सैंया निकस गए मैं न लड़ी थी इत्यादि सुन्दर गीत गाकर वाकई सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया । अब बारी थी आदरणीया रागनी दीदी की फिर मंजू जी भी खुद को रोक न पाईं और मैं ….तो मैं तो वैसे भी फिक्स सा हो गया हूँ । हाँ आज साहित्य परिषद के साहित्यकारों पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य श्री मनोज कुमार सिंह जी ने स्वदेशी की विशेषता पर टिप्पणी करते हुए समाज में साहित्य को को और भी विस्तृत रूप देने का आग्रह किया ।