कन्हैया महाराज की रिपोर्ट
आलमनगर, (मधेपुरा)करवा चौथ का पावन व्रत आज यानी 24 अक्टूबर को मनाया जाता है बता दें कि कार्तिक माह की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है| पूरे देश में सुहागन महिला अपने पति के लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती है. वही बता दे कि इस साल यह व्रत रोहिणी नक्षत्र में पर रहा है और ऐसा बोला जाता है कि यह नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है, इस दिन हर सुहागन महिला निर्जला रहती है. और शाम को चंद्रमा को चलनी से देखकर उसके बाद अपने पति को देखती है और दिनभर निर्जला रहकर पत्नी को उनके पति पहले उन्हें पानी पिलाते हैं और उनका यह व्रत खोलते हैं वहीं हर एक महिलाओं सज धज कर चांद का इंतजार करती है
करवा चौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश सहित शिव परिवार का पूजन किया जाता है। मां पार्वती से सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं
जानकारी आचार्य विष्णु कांत जाने दिया
, वही आपको बता दें कि इस व्रत में कई तरह की पूजा सामग्री की भी उपयोग होती है जैसे
,चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि। और आपको एक बात बता दे कि इस दिन हर एक महिलाओं अपनी सास के लिए कुछ श्रृंगार का सामान और उन्हें पहनने के लिए कपड़े भी देती है ऐसा इसलिए किया जाता है कि क्योंकि यह एक विधि माना जाता है
आइए बताते हैं कि आज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब माना गया है, 24 अक्टूबर दिन रविवार शाम 6:55 से 8 बजे तक चांद को देखकर महिलाएं अपने व्रत खोलें क्योंकि इस समय शुभ माना गया है।