नई दिल्ली। पांच राज्यों गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, कोरोना के ओमिक्रोन वैरियंट का खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे चुनाव आयोग भी चिंतित है, क्योंकि कुछ राज्यों में अभी टीकाकरण कवरेज कम हुआ है। यह बात चुनाव आयोग के आकलन में भी सामने आई है। दरअसल, चुनावी राज्यों में कोरोना की स्थिति का आकलन करने के कुछ ही दिनों बाद चुनाव आयोग ने उनसे टीकाकरण बढ़ाने और चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के मुख्य सचिवों को हाल में लिखे पत्र में आयोग ने उन्हें बताया है कि मतदानकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में आते हैं और वे सतर्कता डोज के पात्र हैं। लिहाजा, निर्वाचन आयोग ने पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई तेज करने को कहा है। यही नहीं, निर्वाचन आयोग ने मणिपुर में कोविड-19 रोधी पहली खुराक के कम प्रतिशत पर भी चिंता जताई है। आयोग द्वारा इस बात पर भी संज्ञान लिया गया था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में टीके की पहली डोज लेने वालों की संख्या अभी भी कम है, जबकि उत्तराखंड और गोवा में यह 100 प्रतिशत के नजदीक पहुंच रही है।
निर्वाचन आयोग ने ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निश्चय भी किया है। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी होने वाला कोविड प्रोटोकाल राजनीतिक दलों, मतदान कर्मचारियों और मतदाताओं पर समान रूप से लागू होगा। यह भी बताया जा रहा है कि उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कुछ पाबंदियां लग सकती हैं और वहीं, मतदान स्थल पर बिना मास्क के पहुंचने वाले मतदाताओं को वोट डालने से रोका भी जा सकता है। उधर, आल इंडिया बार एसोसिएशन ने भी कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के तेज संक्रमण को देखते हुए निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन भेजा है, जिसमें पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों को स्थगित करने का अनुरोध किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी गत सोमवार से दो हफ्ते के लिए सभी सुनवाई वर्चुअल माध्यम से करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर इस फैसले की घोषणा की। सर्कुलर में कहा गया है कि फिजिकल मोड में सुनवाई (हाईब्रिड सुनवाई) के लिए सात अक्टूबर, 2021 को जारी संशोधित स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) फिलहाल स्थगित रहेगी।
विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ा कोरोना का खतरा, चुनाव आयोग चिंतित
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