लखनऊ। सूबे के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गृह विभाग ने साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की। विभाग के इस कदम से साइबर अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी आसान होने के साथ ही लंबित विवेचनाओं को भी तेजी से पूराकर सजा भी कराए जाने में मदद मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक इसके तहत लखनऊ में डिजिटल फॉरेंसिक लैब और हर जोन स्तर पर साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना किए जाने का भी प्रस्ताव है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में 18 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई है और इन थानों में 414 पदों का सृजन भी किया गया है। बता दें यूपी में 2017 तक लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में मात्र दो साइबर क्राइम थाने थे, लेकिन योगी सरकार साइबर थानों को स्थापना करने को लेकर सक्रिय दिखी। लिहाजा, इसके अंतर्गत योगी सरकार ने हर परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों में महिला साइबर क्राइम सेल की स्थापना की है। अधिकारियों के मुताबिक 18 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों में पिछले पांच वर्षों में 863 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 586 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है और आरोपियों से चार करोड़ से अधिक धनराशि बरामद की गई है। इसके अलावा करीब सात अरब की धनराशि को बैंक खातों में फ्रीज कराया गया है और करीब 11 करोड़ रुपए पीड़ितों के खातों में वापस कराए गए हैं। सरकार ने साइबर क्राइम मुख्यालय पर उच्च कोटि का सेंटर ऑफ एक्सेलेंस स्थापित करने का भी फैसला किया है। साइबर क्राइम की भविष्य में चुनौतियों को देखते हुए मुख्यालय को सभी प्रकार के संसाधनों से लैस किया जा रहा है। सरकार ने लंबित अभियोगों के तेजी से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए कर्मचारियों को साइबर क्राइम मुख्यालय पर ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर दी है। अगले वर्षों में 18 परिषेत्रीय साइबर थानों को अपने प्रशासनिक भवनों में संचालित किया जाएगा। साथ ही, इन्हें अन्य जरूरी संशाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।