नई दिल्ली। केंद्र सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने का लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने 28 मार्च 2022 तक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी- एमएसएमई खिलौना निर्माताओं को 630 लाइसेंस प्रदान किए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह लिखित जवाब दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा घरेलू खिलौना निर्माताओं को दिए गए 661 लाइसेंसों में से 630 यानी कि 95 प्रतिशत लाइसेंस एमएसएमई खिलौना निर्माताओं को उपलब्ध कराये गए हैं। उन्होंने बताया कि बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 16 के तहत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) द्वारा जारी खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश (क्यूसीओ), 2020 के अनुसार खिलौनों की सुरक्षा पहली जनवरी 2021 से अनिवार्य बीआईएस प्रमाणीकरण के तहत आवश्यक है।
इसके साथ ही, बनाए गए खिलौनों को उनकी सुरक्षा के लिए निर्धारित भारतीय मानकों के अनुरूप होना चाहिए और इनका बीआईएस विनियम, 2018 की अनुसूची- II की योजना- I के अनुसार बीआईएस से लाइसेंस के तहत मानक चिह्न (आईएसआई मार्क) धारण करना अनिवार्य है। इस क्यूसीओ के अनुसार बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 17 के साथ कोई भी व्यक्ति आईएसआई चिह्न के बिना किसी खिलौने का निर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराया, पट्टा, भंडारण या इन्हें बिक्री के लिए प्रदर्शित नहीं करेगा। फुटकर व्यापारियों सहित अन्य सभी विक्रेता, यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार हैं कि केवल मानक चिह्न वाले खिलौने वैध बीआईएस लाइसेंस रखने वाले खिलौना निर्माताओं से खरीदे और बेचे जाते हैं।