नई दिल्ली। चंडीगढ़ नगर निगम के लिए 35 वार्डों के लिए आए चुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली है। आप ने 14 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा 12 और कांग्रेस 8 पर सिमटकर रह गई। आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़कर इतिहास बना दिया। जबकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने एकमात्र रैली की थी। वहीं, भाजपा के लिए प्रचार करने वाले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्र सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर और मनोज तिवारी कोई करिश्मा नहीं दिखा सके। भाजपा निगम की सत्ता से बाहर हो गई। यहां तक कि भाजपा के मौजूदा मेयर रविकांत शर्मा बुरी तरह से हार गए, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर हारते-हारते बचे। कांग्रेस के हालात सबसे बुरे रहे। कांग्रेस के लिए रणदीप सूरजेवाला, कुमारी शैलजा और कन्हैया कुमार ने प्रचार किया था, लेकिन पार्टी बुरी तरह से हार गई। कांग्रेस पिछली बार की 4 सीटों के मुकाबले 8 सीटें जीती, लेकिन बहुमत के आंकड़े तक पहुंचना तो दूर, तीसरे नंबर पर रह गई।
कुल मिलाकर, केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ नगर निगम में 35 वार्डों में पार्षद चुनने के लिए मुख्य मुकाबला आप और भाजपा में ही रहा। जिनके बीच सिर्फ 2 सीटों का अंतर रहा। बता दें चंडीगढ़ में पिछले साल के मुकाबले इस बार 1 प्रतिशत अधिक यानि रिकॉर्ड 60.45 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 1996 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा को 13 कांग्रेस को एक, शिअद को दो और चंडीगढ़ विकास मंच को तीन सीट मिली थी। साल 2001 में भाजपा को तीन, कांग्रेस को 13, शिअद को एक और चंडीगढ़ विकास मंच को तीन सीट मिली। 2006 में भाजपा को छह, कांग्रेस को 13, बसपा को एक, शिअद को दो और चंडीगढ़ विकास मंच को चार सीटें मिली थी। साल 2011 में भाजपा को 10, कांग्रेस को 11, शिअद को दो और बसपा को दो सीट पर जीत हासिल हुई थी। साल 2016 में भाजपा को 20, कांग्रेस को चार, शिअद को एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार जीता था।