नई दिल्ली। बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी के टैक्स और 1 फीसदी टीडीएस लगाने के एलान के बाद से करीब 32,000 करोड़ रुपये का क्रिप्टो ट्रेड वॉल्यूम भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों से विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज में स्थानांतरित हुआ। प्रौद्योगिकी नीति थिंक टैंक एस्या सेंटर के अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस अध्ययन में मौजूदा टैक्स ढांचे के चलते अगले चार वर्षों में लगभग 99.3 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भी आशंका जताई गई है।
पिछले साल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीकृत वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) को लेकर तीन अहम घोषणाएं की थी। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने, दस हजार रुपये से अधिक के लेनदेन पर एक प्रतिशत टीडीएस कटौती का प्रावधान तो किया ही, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को एक क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ को दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई करने की इजाजत भी नहीं दी। थिंक टैंक ने इन तीन फैसलों के प्रभावों का अध्ययन कर एक रिपोर्ट “वर्चुअल डिजिटल एसेट टैक्स आर्किटेक्चर इन इंडिया: ए क्रिटिकल एग्जामिनेशन” जारी की है। जिसमें बताया गया है कि टैक्स संबंधी नए नियमों से घरेलू केंद्रीकृत वीडीए एक्सचेंजों को काफी नुकसान पहुंचा। नए टैक्स ढांचे के लागू होने के बाद घरेलू केंद्रीकृत वीडीए एक्सचेंजों से लगभग 32 हजार करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए। इसमें 25.3 हजार करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष के छह महीनों के भीतर स्थानांतरित किए गए। रिपोर्ट में जुलाई से अक्टूबर 2022 के बीच विदेशी वीडीए एक्सचेंजों में भारतीयों द्वारा 80 हजार करोड़ रुपये की धनराशि निवेश की बात भी बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रतिशत टीडीएस कटौती के फैसले का सबसे नकारात्मक असर पड़ा है। इसके लागू होने के बाद 1 जुलाई से 15 अक्टूबर के बीच भारतीय वीडीए एक्सचेंजों को अपने कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 81 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ा।
दिए तीन सुझाव- थिंक टैंक ने घरेलू उद्योग पर पड़ते प्रभावों को कम करने के लिए तीन सुझाव दिए हैं। इसमें टीडीएस कटौती को सिक्योरिटी लेनदेन के जैसे कम रखने, आदर्श टैक्स संरचना के लिए लाफर कर्व जैसे आर्थिक विश्लेषण विधि पर आधारित करना और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ के लिए एक प्रगतिशील टैक्स संरचना का निर्माण शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार इस दिशा में अगर सकारात्मक रूख अपनाती है तो आने वाले समय में भारतीयों को क्रिप्टो मार्केट का भरपूर लाभ मिलेगा।