नई दिल्ली। केंद्र सरकार का “स्वदेशी” अभियान लगातार सफलता की तरफ बढ़ रहा है, जिसके तहत इसके अखिल भारतीय स्तर पर विस्तार के लिए अर्धसैनिक बलों की कैंटीन में हाथ से बने खादी उत्पादों की बिक्री शुरू कर रहा है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 107 कैंटीनों में खादी उत्पादों की बिक्री की शुरूआत कर दी है। इस अवसर पर गृह मंत्री ने कहा, देश में अर्धसैनिक बलों की सभी कैंटीन में जल्द ही खादी उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, गांधी जी के लिए खादी स्वदेशी का प्रतीक थी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने का एक साधन भी है। खादी ही शुद्धता की गारंटी देती है। उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक बलों की 107 कैंटीनों में खादी उत्पादों की बिक्री शुरू हो गई है और जल्द ही देश भर में अर्धसैनिक बलों की सभी कैंटीनों में खादी उत्पादों को उपलब्ध कराया जाएगा। दरअसल, गृह मंत्री ने असम के तामूलपुर में सीमा सुरक्षा बल-बीएसएफ की केंद्रीय कार्यशाला और स्टोर के शिलान्यास समारोह के अवसर पर खादी उत्पादों की बिक्री के शुभारंभ के दौरान ये बात कही। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और सीमा सुरक्षा बल-बीएसएफ तथा केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल-सीआरपीएफ के महानिदेशक उपस्थित थे।
श्री शाह ने देश में स्थायी ग्रामीण रोजगार सृजित करने के लिए केवीआईसी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, केवीआईसी की प्रमुख योजनाओं जैसे हनी मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना, चमड़ा और बढ़ई सशक्तिकरण योजनाओं में असम के बोडोलैंड में स्थायी रोजगार सृजित करने की क्षमता है। यदि, केवीआईसी लोगों को अपनी स्वरोजगार गतिविधियों से जोड़ना शुरू कर देता है, तो यह निश्चित रूप से बोडोलैंड में बेरोजगारी की समस्या को समाप्त कर देगा और राष्ट्र के विकास के साथ हथियार डालने वाले बोडो युवाओं को भी फिर से राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ देगा।” गृह मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, केवीआईसी ने वर्ष 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक कारोबार करते हुए लगभग 250 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई।
स्वदेशी को आगे बढ़ाने के लिए, सभी सीएपीएफ कैंटीनों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से अधिकतम “स्वदेशी” उत्पाद बेचना अनिवार्य कर दिया था। शुरुआत में राष्ट्रीय ध्वज, सूती तौलिए, शहद, कच्ची घानी सरसों का तेल, अगरबत्ती, दलिया, पापड़, अचार और आंवला उत्पाद आदि सहित 32 उत्पादों की आपूर्ति दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम और अन्य राज्यों में स्थित कैंटीनों में की जाएगी।
सरसों के तेल, सूती दरी और ऊनी कंबल की आपूर्ति के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ केवीआईसी के ऐतिहासिक समझौतों के बाद यह संभव हो सका है। अब तक केवीआईसी ने विभिन्न अर्धसैनिक बलों को लगभग 17 करोड़ रुपये के उत्पादों की सफलतापूर्वक आपूर्ति की है। आपूर्ति में 5.50 करोड़ रुपये की कच्ची घानी सरसों का 3 लाख किलोग्राम (3000 मीट्रिक टन) तेल, 11 करोड़ रुपये मूल्य के 2.10 लाख बिछाने की सूती दरियां और 40 लाख रुपये के ऊनी कंबल शामिल हैं।