यूसीआईएल की महिला अधिकारी ने वरीय अफसर और पीए पर लगाए उत्पीड़न के गंभीर आरोप, सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
पीएमओ और परमाणु ऊर्जा विभाग से की शिकायत, ड्यूटी से अनुपस्थित महिला अधिकारी ने बताई जान का खतरा
कबूतरबाजी जैसे आरोपों से प्रबंधन पर फिर उठे सवाल
यूसीआईएल: जवाबदेही बनाम सत्ता का दुरुपयोग
महिला अधिकारी की शिकायत ने खोली प्रबंधन की कार्यसंस्कृति की परतें

राष्ट्र संवाद विशेष संवाददाता
जादूगोड़ा:यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) की एक महिला अधिकारी ने संस्था के एक वरीय अधिकारी और उसके निजी सहायक (पीए) पर मानसिक उत्पीड़न और डराने-धमकाने का गंभीर आरोप लगाया है।
महिला अधिकारी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और यूसीआईएल के वरीय अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने खुद को डरा हुआ बताते हुए कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है। घटना के बाद से वह ड्यूटी पर नहीं जा रही हैं।
यूसीआईएल जैसी संवेदनशील केंद्रीय इकाई में यह पहला मौका है जब किसी महिला अधिकारी ने सीधे वरीय अधिकारी और उसके पीए पर उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला अब दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद तक पहुंच गया है और उच्च स्तर पर इसकी गूंज सुनाई दे रही है।
सूत्रों के अनुसार, महिला अधिकारी की शिकायत में कई संगीन पहलुओं का उल्लेख किया गया है, जिनमें वरीय अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए “कबूतरबाजी” जैसे संदिग्ध कार्यों में संलिप्तता की ओर भी संकेत किया गया है। कबूतरबाजी का अर्थ संदिग्ध तरीके से लोगों को बाहर भेजने या नाम दिखाकर लाभ उठाने की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है, जिसकी संस्था के भीतर पहले भी चर्चा रही है।
यह आरोप यूसीआईएल प्रबंधन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर एक बार फिर सवालों के घेरे में ला रहा है। इससे पहले भी कुछ वरीय अधिकारी भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग को लेकर विवादों में रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रबंधन इस बार कितनी गंभीरता से इन आरोपों की जांच करता है, और क्या उच्च स्तर पर कोई स्वतंत्र जांच कमेटी गठित होती है या मामला फिर आश्वासनों में ही दबा दिया जाएगा।