भारत में मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग 10 वर्षो में कई गुणा बढ़ने को तैयार: कमल बाली
सीआइआइ का 11वां मैन्यूफ्रैक्चिरंग कॉन्क्लेव इस्ट आयोजित
जमशेदपुर: कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) के तत्वावधान में 11वां मैन्यूफ्रैक्चिरंग कॉन्क्लेव इस्ट का आयोजन किया गया। “फ्युचर रेडी टू फ्यूचर प्रुफ मैन्यूफ्रैक्चिरंग” थीम पर आयोजित कॉन्क्लेव में उभरती प्रौद्योगिकियों और मैन्यूफ्रैक्चिरंग क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों के बारे में उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने अपनी बातों को रखा। विशिष्ठ अतिथि वोल्वो ग्रुप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमल बाली ने कहा कि भारत में मैन्यूफ्रैक्चिरंग अगले 10 से 25 वर्षो में कई गुणा बढ़ने को तैयार है। देश की मैन्यूफ्रैक्चिरंग सेक्टर जीडीपी का 16-17% योगदान देता है, जिसका लक्ष्य 2025 तक देश की जीडीपी में कम से कम 25% योगदान देना है। इस लक्ष्य को पुरा करने में कई चुनौतियां भी है। मैन्यूफ्रैक्चिरंग सेक्टर में सुधार, सुशासन और इसका डिजिटलाइजेशन का होना जरूरी है। बुनियादों ढांचे और सामाजिक सुधारों पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व अभी भारत की ओर देख रहा है। भारत की बढ़ती क्षमताओं के कारण पर विश्व जगत भरोसा जता रहा है। सरकार की पॉलिसी के कारण मैन्यूफ्रैक्चिरंग सेक्टर आगे तेजी से बढ़ रहा है। कई कंपनियां इस सेक्टर में बेहतर काम कर रही है। भारत के पास अभी एक बड़ा अवसर है। इस सेक्टर के विकास में सभी का सहयोग चाहिए और मिल भी रहा है। महिलाएं भी इस मैन्यूफ्रैक्चिरंग सेक्टर में कदम से कदम बढ़ा रही है।
सीआईआई पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष और आरएसबी ट्रांसमिशन (आई) लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुवेंद्र बेहरा ने कहा कि मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग में पूर्वी क्षेत्र के कई राज्य बेहतर कार्य कर रहे हैं। खासतौर पर झारखंड का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण है। देश के जीडीपी में मैन्यूफ्रैक्चिरंग सेक्टर में योगदान 17 प्रतिशत है। इसके अलावा यह सेक्टर लाखों लोगों को रोजगार भी दे रहा है।
सीआइआइ जमशेदपुर के वाइस चेयरमैने सह टाटा मोटर्स लिमिटेड के जमशेदपुर प्लांट हेड रवींद्र कुलकर्णी ने मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग में डिजिटलाइजेशन पर जोर देते हुए कहा कि नयी तकनीक का उपयोग कर इस उद्योग को आगे बढ़ाया जा सकता है।
मैन्यूफ्रैक्चिरंग हब बनाने में झारखंड का योगदान बड़ा: उज्ज्वल चक्रवर्ती
जेसीएपीसीपीएल के प्रबंध निदेशक उज्ज्वल चक्रवर्ती ने कहा कि भारत को मैन्यूफ्रैक्चिरंग हब बनाने में झारखंड का योगदान बड़ा है। यहां मिनिरल सोर्स की कमी नहीं है। कोयला, बॉक्साइट, यूरेनियम, अभ्रक आदि की भरमार है। यहां मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग की अपार संभावनाएं है। स्कील लेबर और मैन पावर की भी कमी नहीं है। राज्य सरकार की इवी, सोलर, एमएसएमई पॉलिसी भी बेहतर है। बस यहां मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है।
सीआइआइ इआर मैन्यूफ्रैक्चिरंग सब कमिटी के चेयरमैन रामफल नेहरा ने कहा कि पूर्वी भारत के राज्यों में मैन्यूफ्रैक्चिरंग उद्योग को आगे बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। सीआईआई झारखंड राज्य परिषद के अध्यक्ष और एमडेट जमशेदपुर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रंजोत सिंह ने कॉन्क्लेव में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत ग्लोबर मैन्यूफ्रैक्चिरंग हब बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसमें पूर्वी भारत के राज्यों का योगदान महत्वपूर्ण है। टीटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड के उप प्रबंध निदेशक पृथिश चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
वहीं, तकनीकी सत्र में मेटलवर्क इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय सभरवाल, बीसीजी के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ पार्टनर सौरभ वर्मा, टाटा हिताची के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद और टाटा स्टील लिमिटेड के बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज एंड डिजिटल के प्रमुख सरजीत झा समेत अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।