चंडीगढ़. अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के मिशन पंजाब कार्यक्रम की लॉन्चिंग करते हुए ऐलान किया कि अगर सत्ता में आए तो उनकी पार्टी पंजाब की 18 वर्ष से ऊपर की हर महिला को प्रति महीने 1000 हजार रुपये देगी. मोगा में केजरीवाल की घोषणा और अन्य पार्टियों द्वारा मुफ्त में सुविधाएं देने से जुड़े ऐलान, मौजूदा सरकार द्वारा सब्सिडी और लुभावनी योजनाओं की घोषणा, पहले से ही कर्ज में डूबे पंजाब में इन दिनों ज्यादा सुनाई दे रही हैं.
चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव 2019 के डेटा के मुताबिक पंजाब में 96.19 लाख महिला वोटर हैं. हालांकि 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी वोटर लिस्ट जारी नहीं की गई है. आम आदमी पार्टी का अनुमान हैं कि उसकी योजना से 1 करोड़ महिलाओं को फायदा होगा. अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में आती है और हर महिला को प्रत्येक महीने 1000 हजार रुपये दिए जाते हैं तो राज्य सरकार पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये सलाना का बोझ आएगा. अरविंद केजरीवाल ने यह नोट किया है कि उनकी घोषणा पर विपक्षी जरूर ये सवाल करेंगे कि पैसा कहां है? इस पर उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होती है, जरूरत लोगों के लिए काम करने की नीयत की होती है.
कितना कर्ज में डूबा है पंजाब?
मार्च 2017 में जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी तो राज्य सरकार पर 1.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. 2007 से 2017 तक पंजाब में बीजेपी और अकाली दल का शासन था. 2021-22 के लिए बजट प्रोजेक्शन को देखें तो राज्य सरकार पर कर्ज बढ़कर 2.82 लाख करोड़ हो सकता है. 2020-21 के दौरान जीएसटी मुआवजे के बदले बैक-टू-बैक ऋण के रूप में प्राप्त 8,359 करोड़ रुपये के हिसाब से यह प्रभावी रूप से 2.73 लाख करोड़ रुपये हो जाता है.