विवेक आनंद
बिन्दापाथर (जामताड़ा): 70 वन महोत्सव सह नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ धुतला गाँव के निकट अजय नदी के तट पर वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता एवं स्थानिय विधायक रविन्द्रनाथ महतो द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रजवलित कर किया गया। मौके पर स्थानीय आदिवासी कलाकारों द्वारा मनमोहक लोकनृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मनोरंजन किया। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जामताड़ा की बालिकाओं ने अपने देश भक्ति स्वागत गीत से मंच में उपस्थित पदाधिकारियो के मन को मोह लिया। आज के इस कार्यक्रम में स्थानिय जनता, समाजसेवी, स्कूली बच्चें एवं पदाधिकारीयों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और वृक्षारोपण किया। वन प्रमंडल जामताड़ा के आयोजन समिति ने उपस्थित सभी पदाधिकारियो को एक एक पौधा दे कर सम्मानित किया। वन प्रमंडल पदाधिकारी जामताड़ा ने अपने संबोधन में पेड़ के उपयोगिता के बारे में बताए कि पेड़ है तो हम है। सभी तरह के प्रदूषण का एक मात्र निदान पेड़ है। एक पेड़ में इतनी शक्ति है कि वे प्रति दिन करीब 80 तन तक कार्बन डाइऑक्साइड को सोख कर ऑक्सीजन में बदल सकता है। विधायक रविन्द्रनाथ महतो ने बताया कि सभी को प्रतिवर्ष अधिक से अधिक पौधे लगानी चाहिये। आज के समय मे हमारा वन भूमि जंगल विहीन होते जा रहे है। जो मानव समुदाय के लिए खतरे की घंटी है। अगर हम नही चेते तो आने वाले दिनों में बहुत सारे देश जल मग्न हो जाएगा।अपर समाहर्ता जामताड़ा ने भी पेड़ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की पेड़ ही एक मात्र ऐसा सोर्स है जो काले बादलों को अपनी और आकर्षित कर सकता है। जिससे वर्षा होती है और उसी वर्षा के जल से समुचित सृष्टि को पोषण मिलती है।
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आज शुद्ध पेय जल मानव समाज के लिए एक समस्या बनते जा रहे है। तथा हमारे भूमिगत जल दिन प्रतिदिन नीचे गिरते जा रहे है, जिसका एक मात्र निदान पेड़ ही है।
मौके पर पुलिस अधीक्षक जामताड़ा, क्षेत्रीय वन संरक्षक सत्यजीत सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी सुशील सोरेन, नाला वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार, स्थानीय ग्रामीण, स्कूली बच्चे, सामाजिक कार्यकर्ता झारखंड मुक्ति मोर्चा फतेहपुर के प्रखंड अध्यक्ष परेश यादव, अरविंद मुर्मू, पाण्डव यादव, राकेश यादव, पिंटू यादव सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे। मंच संचालन वन क्षेत्र पदाधिकारी नाला प्रमोद कुमार कर रहे थे।
इधर स्थानिय समाज सेवी पांडव यादव एवं अरविंद मुर्मू ने एक साथ वन विभाग के कार्यशैली का विरोध करते हुए कहा कि लाईवनी से धुतला होते हुए तुम्बाबेल तक लगभग पांच किलोमीटर में लगभग 15000 पेड़ लगाने है, जिसमे बहुत से मजदूर एवं रखवाली के लिए मानव श्रम लगेगी। संबंधित एजेंसी द्वारा इस काम मे स्थानीय मजदूरों को लगाने की बाते कही गई थी, लेकिन वर्तमान मे ऐसा नहीं हो रहा है। साथ ही ग्राम सभा किए बिना ही काम को शुरु किया गया। उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज किया। इस संबंध में क्षेत्रिय वन पदाधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया।