कानपुर: कानपुर की 14 बैंकों के 3635 करोड़ रुपये के कर्जदार हीरा कारोबारी उदय देसाई भी CBI के शिकंजे में आ गए हैं. दिल्ली से आई टीम ने बिरहाना रोड स्थित एक बैंक की मुख्य शाखा में छापा मारकर देसाई की लोन संबंधी फाइलों को जब्त कर लिया है. CBI ने शाखा प्रबंधक से करीब दो घंटे तक पूछताछ की. यह कार्यवाही इतनी गोपनीय रही कि शाखा के कर्मचारियों तक को भनक नहीं लगी. CBI ने मंगलवार को 7000 करोड़ से अधिक की बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में देश भर में 190 स्थानों पर छापामारी की थी.इसी क्रम में एक टीम बैंक की बिरहाना रोड स्थित मुख्य शाखा पहुंची. तीन सदस्यीय टीम ने शाखा प्रबंधक से उदय देसाई की कंपनी फ्रास्ट इंटरनेशनल के लोन संबंधी दस्तावेज मांगे. उदय देसाई पर इस बैंक का 68 करोड़ रुपये का कर्ज है. करीब दो साल पहले यह खाता एनपीए हो गया था. कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम लीडर बैंक ऑफ इंडिया ने करीब दो माह पहले जांच के लिए सीबीआई को मामला रेफर किया था. आठ साल में हासिल किए 3000 करोड़ उदय देसाई की कंपनियों मैसर्स फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड व फ्रास्ट इंफ्रास्ट्रक्चर व एनर्जी लिमिटेड समेत कई कंपनियों ने वर्ष 2002 से 2010 के बीच तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया.वर्षों तक लोन की किस्तें ठीक चलने और लगातार लिमिट बढ़ने के बाद वर्ष 2018 में इनके खाते एनपीए होने लगे. वर्तमान में इनके 14 बैंकों में इतने ही खाते एनपीए हो चुके हैं. लगातार डिमांड नोटिस जारी करने के बाद भी इनकी कंपनियों से लोन की रकम वापस नहीं हुई तो बैंकों ने सख्ती शुरू की. तमाम बैंकों ने मुंबई, कानपुर और गुड़गांव स्थित संपत्तियों को कब्जे में ले लिया है.कई संपत्तियां अभी जब्त होने की स्थिति में हैं और कई नीलामी की प्रक्रिया में चल रही हैं. हीरा, मिनरल्स, प्लास्टिक, केमिकल का काम विकास नगर निवासी उदय देसाई ने मैसर्स फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड की शुरुआत 1995 में की थी. ये कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. फ्रास्ट इंटरनेशनल हीरा कारोबार के अलावा मिनरल्स, प्लास्टिक, केमिकल आदि की खरीद-बिक्री भी करती है.इसके अलावा इनका रियल एस्टेट कंपनियों में पैसा लगा है. कोठारी के बाद दूसरा बड़ा मामला रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के बाद शहर के दिग्गज हीरा कारोबारी उदय देसाई की कंपनी के खातों का एनपीए होना दूसरा बड़ा मामला है. इससे पहले विक्रम कोठारी के सात बैंकों के 3695 करोड़ रुपये से लोन खाते एनपीए हो गए थे. बाद में सीबीआई ने इन्हें गिरफ्तार भी किया था. कोठारी अभी जमानत पर हैं. उदय देसाई के 3635 करोड़ के लोन खाते एनपीए हुए हैं.