श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में तेजी से बदले घटनाक्रमों के बीच सरकार ने आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन के आधार पर जहां राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किये जाने का निर्णय लिया है वहीं आतंकवादियों की धमकियों के मद्देनजर शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से यथासंभव घाटी छोडऩे की सलाह दी है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में कुछ बड़ा प्लान किया जा रहा है. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा है कि कश्मीर में खौफ का माहौल है, इस तरह का एडवाइजरी इससे पहले कभी नहीं आई. दरअसल, अतिरिक्त जवानों की तैनाती को आर्टिकल 35ए और 370 को खत्म करने से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि केंद्र ने इन अटकलों को खारिज किया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम बहुल उस राज्य के लोगों के दिल जीतने में विफल रही जिसने धार्मिक आधार पर विभाजन को खारिज कर दिया और धर्मनिरपेक्ष देश को चुना. भारतीय प्रशासनिक सेवा के टॉपर से राजनेता बने शाह फैसल ने जानना चाहा कि क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए ऐसा ही कोई मश्विरा जारी करने पर विचार कर रही है. फैसल ने अपने ट्वीट में कहा, जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा खतरे को देखते हुए पर्यटकों एवं अमरनाथ तीर्थ यात्रियों तुरंत कश्मीर छोडऩे को कहा है. क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए भी ऐसा ही मशविरा जारी कर रही है? क्या कश्मीरियों को भी दूसरे स्थानों में पलायन कर जाना चाहिए या फिर हमारी जिंदगी कोई मायने नहीं रखती है? राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रियों को कश्मीर छोडऩे की सलाह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे असाधारण करार दिया और कहा कि सरकार का यह निर्णय अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले की आशंका से जुड़ा हुआ है तथा इसका घाटी में भय के माहौल से संबंध नहीं है. बरामूला में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा कि केंद्रीय बल राज्य पुलिस को नजरअंदाज कर रहे हैं. यह सब कुछ इस ओर इशारा करता है कि कुछ बड़ा प्लान किया जा रहा है.
कश्मीर के संभागीय आयुक्त बसीर अहमद खान के मुताबिक जिले के किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया गया है. उन्होंने लोगों से किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विश्वसनीय जानकारी के लिए लोगों को अपने संबंधित उपायुक्तों से संपर्क करना चाहिए.