संतोष वर्मा
चाईबासा। वनाधिकार कानून में सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधन के प्रयास के विरोध में आगामी 22 जुलाई 2019 को राँची राजभवन के समक्ष झामुमो द्वारा आहूत महाधरना कार्यक्रम में पश्चिमी सिंहभूम जिला से एक हजार से भी अधिक कार्यकर्ता और पारम्परिक वनवासी शामिल होंगे। परिसदन भवन चाईबासा के सभागार में सम्पन्न झामुमो कार्यकारिणी के बैठक में आज यह निर्णय लिया गया। ज्ञातव्य है कि देश भर में लाखों आदिवासी एवं पारम्परिक वनवासी सदियों से ही पारम्परिक रुप से वन क्षेत्रों में जंगलों के भीतर प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते आए हैं और देश के किसी भी हिस्से में उनके कारण ही आज जंगल बचा हुआ है । वनाधिकार कानून में संशोधन से पूरे देश में लगभग 23 लाख जबकि अकेले झारखण्ड में लगभग 28 हजार आदिवासी एवं पारम्परिक वनवासी परिवार जंगल से बेदखल किए जाएंगे । इसलिए झामुमो ऐसे किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करता है । बैठक में मुख्य रूप से भुवनेश्वर महतो, सोनाराम देवगम, सुनील कुमार सिरका, राजकिशोर बोयपाई, मोनिका बोयपाई, राजश्री बानरा, हिमांशु कुमार राय, अभिषेक सिंकु, कैसर परवेज, चम्बरु जामुदा, मिथुन गागराई, राहुल तिवारी, बलवन्त गोप, दोड़ाय जोंको, अविनाश पुरती, मंगल सिंह लागुरी, मुजाहिद अहमद, सोवोन पुरती, सिंगराय जोंको, अशोक प्रधान, गोपाल हेम्बरोम, पुलेन दास, आदि उपस्थित थे। सोनाराम देवगम, झामुमो जिला सचिव।