*रघुवर दास ने झारखण्ड की माँ बहन और बेटियाँ को पिटवा कर किया बहुत बड़ा पाप*
*ब्रह्मा के पश्चात इस भूतल पर मानव को वितरित करने वाफली नारी का स्थान सर्वोपरि है। नारी मां ,बहन, पुत्री एवं पत्नी के रूपों में रहती है । मानव का समाज से संबंध स्थापित करने वाली नारी होती है ।किंतु दुर्भाग्य है कि इस जगत धात्री को समुचित सम्मान ना देकर उसने प्रारंभ से ही अपने वशीभूत रखने का प्रयत्न किया है।नारी के रूप को देवी का प्रतीक मानते है ।इसका सम्मान पूरे संसार को बदलने की क्षमता रखता है ।नारी को मा दुर्गा माँ सरस्वती ओर माँ लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है।हमें हमारी माता बहनों पर गर्व है जिसने हमें संसार में लाया।माताएं बहने हमारे लिए भगवान के समान है।हम सभी इन्हें दिल से सम्मान करते हैं।*
*परंतु एक अजीब नजारा झारखंड में नजर आया जब भाजपा सरकार ने सारी हदें पार दी। जब हमारी माता बहने अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन कर रही थी तो सरकार के दबाव में प्रशासन ने हमारी माता बहनों को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर बड़ी बेरहमी से उनकी इज्जत की धज्जियां उड़ाते हुए लाठी डंडों की बरसात कर दी ।इस रघुवर दास सरकार को शर्म आनी चाहिए की जब आप इज्जत नहीं दे सकते तो कम से कम नारियों पर डंडे तो ना चलाएं।*
*ठीक दूसरी तरफ हमारे लोकप्रिय और सभी के दिल में बसने वाले एकमात्र नेता डॉक्टर इरफान अंसारी अपनी माताएं बहनों के सम्मान के लिए किसी भी हद तक जाने को तत्पर रहते हैं। उनकी हर सुख दुख में एक पैर में खड़े रहते हैं। हर त्यौहार में अपनी माताओं एवं बहनों के लिए साड़ी एवं सूट वितरण कर उनके खुशी मे शामिल होते हैं। जिस प्रकार भाई जी जनता के हर सुख दुख में काम आते हैं तो निश्चित तौर पर मां दुर्गा मां सरस्वती मां काली का आशीर्वाद भी उन्हें मिलेगा। आज भाजपा के लोग कहते हैं कि हमारे विधायक इरफान अंसारी ₹20 की साड़ी,₹20 का सूट एवं पैसे बांटते हैं तो उन्हें समझना चाहिए कि कम से कम इरफान अंसारी बांटते तो हैं। नारियों का सम्मान तो करते हैं। अगर आप मेरी क्षमता है और जनता के प्रति थोड़ी भी सहानुभूति है तो समाज में आगे आकर हिस्सा लेना चाहिए। सिर्फ घर बैठकर बयान बाजी करने से जनता की समस्याओं का हल नहीं हो सकता। हमें गर्व है अपने विधायक पर जो हमारे विकास के साथ-साथ हमारे हर सुख दुख में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। भगवान का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त है और वे दुबारा हमारे विधायक बनेंगे।*
अभय पांडेय