जामताड़ा ,मांझी परगना सरदार महासभा जिला जामताड़ा की ओर से संताल हुल महा (क्रांति दिवस )के अवसर पर स्थानीय गांधी मैदान में एक कार्यक्रम का अयोजित की गई ।।कार्यक्रम में मुख्य रूप से मांझी परगना के जिलाध्यक्ष सह झाविमो जिलाध्यक्ष सुनील कुमार हांसदा ,जिप सदस्य जिमोली बास्की ,महादेव किस्कु ,एवं मंगल सोरेन उपस्थित थे ।इस अवसर पर मांझी परगना के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार हांसदा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 30 जून संताल आदिवासियो के लिए ऐतिहासिक दिन है ।आज ही का दिन 30 जून 1855 ईसवीं को बीर शहीद सिदो कान्हू ,चाँद भैरव , के नेतृत्व में साहेबगंज बरहेट स्थित भोगना दी में 30 हज़ार से अधिक लोग जमा होकर ब्रिटिश सरकार के शोषण ,अत्याचार ,और महाजनी के खिलाफ क्रांति ( हुल)फुका गया था ।जिस कारण संताल परगना जिला का निर्माण 22 दिसम्बर 1855 ईसवीं को किया गया ।उक्त तिथि को ब्रिटिश सरकार को मालगुजारी नही देने का निर्णय भी हुआ ।सिदो कान्हू के आंदोलन के परिणाम संताल परगना काश्तकारी अधिनियम बना।आज सरकार उस कानून को तोड़ कर आदिवासियों को जमीन से बेदखल कर रही है ।हांसदा ने यह भी कहा कि एक साजिश के तहत संताल परगना नाम को मिटाने का प्रयाश चल रहा है । हमारा भाषा संकृति परंपरा को मिटाना चाहता है वैसे लोगों को पहचानने की जरूरत है ।महादेव किस्कु ने कहा कि आज झारखण्ड के बीर शहीदों के मूर्ति तोड़ने की शिलशिला असमाजिक तत्वों के द्वारा चल रहा है तथा आदिवासियों के इतिहास को मिटाने का साजिश हो रही है उसे पहचानने की जरूरत है ।मंगल सोरेन ने कहा कि हमे फिर से समाज को बचाने के लिए 1855 जैसा जनक्रांति करने की जरूरत है ।झारखंडी विरोधियों को एक होकर मुकाबला करने की जरूरत है ।समय आ गया है फिर से हमे राजनीतिक रूप से एक होना होगा ।इस मौके पर गांधी मैदान से रैली के रूप में सिदो कान्हू मूर्ति तक जा कर माल्यार्पण किया गया । माल्यार्पण में प्रमुख रूप से सुनील कुमार हांसदा ,महादेव किस्कु ,जिप सदस्य जिमोली बास्की ,मंगल सोरेन ,दिलीप टुडू ,आशा सोरेन आदि थे ।रैली के दौरान सिदो कान्हू अमर रहे ,चांद भैरव अमर रहे ,फूलो झानो अमर रहे ,बीर शहीदों के मूर्ति तोड़ना बन्द करो ,एस पी टी एक्ट को तोड़ना बन्द करो ,झारखंडी विरोधी सावधान आदि नारा लगा रहे थे ।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिप सदस्य जिमोली बास्की ,बलदेव मुर्मू ,भगीरथ पंडित ,अनवर हुसैन ,जमादार सोरेन,सहेबलाल मरांडी,दिलीप टुडू,आशा सोरेन,चम्पा सोरेन,सोनाली सोरेन ,संजय देव वेसरा, सुलेमान हेम्ब्रम ,उमचन्द मुर्मू ,शिवशंकर मुर्मू ,आदि मौजूद थे ।