जामताड़ा: कौमी इत्तेहाद मोर्चा के संथाल परगना प्रवक्ता सद्दाम हुसैन ने कहा कि जामताड़ा जिले के चंपापुर गांव के सात बच्चे जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए सिकंदराबाद तेलंगाना जा रहे थे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर जीआरपीएफ ने शक के आधार पर बच्चों को उतार लिया और संरक्षण समिति को सौंप दिया।साथ में बच्चों के दो अभिभावक भी मौजूद थे।कहा कि इस तरह की खबर पाकर घर गांव के लोगों में काफी अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला। घर के लोग परेशान नजर आने लगे इस तरह सिर्फ एक ही समुदाय के छात्र को परेशान किया जाता है बहुत ही निंदा जनक बात है।उक्त बातें प्रवक्ता ने कते हुए कहा मदरसों में देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है अच्छे से अच्छे अख्लाक और संस्कार सिखाए जाते हैं देश के लिए जीने और मरने की शिक्षा दी जाती है और देश की वफादारी के सबक सिखाए जाते हैं।कहा कि अभी के समय में मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को बहुत ही तंग किये जा रहे हैं यह एक चिंता का विषय है।कहा कि इन मामलों में सरकार को विचार करना चाहिए और यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी बोकारो में पिछले साल सत्तासी बच्चों को उतार लिया था और उन बच्चों पर आतंकी ट्रेनिंग हासिल करने का इल्जाम लगाया था।कहा जामताड़ा जिला में मदरसे हैं लेकिन बेहतर सुविधा न होने की वजह से छात्रों को बाहर दूसरे राज्यों में जाकर तालीम हासिल करना पड़ता है।कहा झारखंड सरकार अगर मदरसों पर ध्यान दिया होता तो आज बच्चों को दूसरे राज्यों में जाना नहीं पड़ता।कहा 592 मदरसों का मामला अभी तक झारखंड बने हुए बीस साल होने जा रहा है क्लियर नहीं हो पाया यह भी एक चिंताजनक विषय है। मदरसों में मूल रूप से दीनी तालीम के साथ साथ मैथ इंग्लिश साइंस हर तरह की तालीम दी जाती है ।मौके पर मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष हाफिज नाजिर हुसैन ने कहा कि ये बहुत बड़ी दुखद घटना है हम लोगों ने आज से अठारह बीस साल पहले मदरसों से ही शिक्षा हासिल किए हैं लेकिन उस समय ऐसा बर्ताव नहीं होता था मदरसों में अच्छे तालीम के साथ अच्छे संस्कार सिखाए जाते हैं।कहा इस तरह की घटना से गांव के आसपास इलाके में भय और डर का माहौल देखे जा रहे हैं ।कहा सभी छात्रों के पास मुखिया द्वारा जारी किया हुआ प्रमाण पत्र और आधार कार्ड समेत सभी जरूरी कागजात मौजूद हैं और अनारक्षित बोगी में सफर कर रहे थे।कहा इस तरह का रवैया करना बंद करें ।मौके पर मोर्चा के सदस्य अख्तरूल इस्लाम रफीक अंसारी सुल्तान अंसारी, एनुल अंसारी लुकमान अंसारी, अफजल अंसारी आदि उपस्थित थे।