झामुमो के कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में वोटों का बिखराव रोकने के लिए महागठबंधन जरूरी है. इसे लेकर वार्ता चल रही है. इसलिए महागठबंधन की पूरी उम्मीद है. ये बातें उन्होंने सोमवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में कही. वह झामुमो के 46 वां स्थापना दिवस में शामिल होने के लिए गिरिडीह पहुंचे थे. कहा कि गोड्डा सीट को लेकर कांग्रेस और झाविमो के बीच अंतिम दौर की वार्ता चल रही है. महागठबंधन के पक्ष में कांग्रेस भी है. इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने विचार से अवगत करा दिया है. कांग्रेस का सिस्टम इस पर काम कर रहा है. कहा कि संघर्ष यात्रा में व्यस्त रहने के कारण वह कांग्रेस की रैली में शामिल नहीं हो पाये. अगर महागठबंधन नहीं होता है, तो उस स्थिति में झामुमो का क्या स्टैंड होगा. इसके जवाब में श्री सोरेन ने कहा कि पिछले विस चुनाव में गठबंधन नहीं होने की स्थिति में झामुमो अकेले चुनाव लड़ा था. महागठबंधन में वामदलों की उपस्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका भी प्रयास चल रहा है. कहा कि जहां पर वाम दलों का दावा है, वहां पर झामुमो का दावा नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक से संबंधित सवालों के जवाब पर उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. इसे चुनाव से जोड़ना उचित नहीं है. लोस चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के सवाल पर श्री सोरेन ने कहा कि हमारे सभी कार्यकर्ता उम्मीदवार हैं. चुनाव की घोषणा के बाद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी. सोरेन ने कहा कि भाजपा का चेहरा व मानसिकता झारखंडी विरोधी है. कहा कि यह विडंबना है कि गोड्डा से उत्पादित बिजली बांग्लादेश जायेगी. पानी बिहार जायेगा. नौकरी दूसरे प्रदेश के लोगों को मिलेगी. झारखंड के लोग बेरोजगारी, पलायन, भूख व विस्थापन की समस्या झेल रहे हैं. भाजपा सरकार आदिवासियों, दलितों, शोषितों व पिछड़ों के विरोध में काम कर रही है. कहा कि भाजपा सरकार वन क्षेत्र से आदिवासियों को बेदखल करना चाह रही थी, लेकिन जब यह मामला सुर्खियों में आया, तो आनन-फानन में सरकार ने रिपीटिशन दायर किया.