खूंटी : वर्तमान में पूरा विश्व पर्यावरण को बचाने के लिए बड़े-बड़े सेमिनार आयोजित कर रहा है. गांव के व्यक्ति प्रकृति को बचाने का केंद्र है. हम इसे पहले से ही जानते हैं. हमें पता है कि पेड़ों को बचा कर ही हम जीवंत रह सकते हैं. गांव के लोग पहले से ज्ञानी हैं. यह बातें बुधवार को आदिवासी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा ने उलिहातू में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने बताया था कि प्रकृति के साथ कैसे जिया जाता है. जंगल के जीवंत स्वरूप को बचाये रखने के लिए ही वे अंग्रेजों से लड़े. इसलिए पर्यावरण दिवस से पूर्व दिल्ली में सभी मंत्री और अन्य प्रतिनिधियों ने पेड़ लगाने का निर्णय लिया तो मैने भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में पौधरोपण करने का निर्णय लिया. प्रकृति को बचा कर ही दुनिया को विध्वंस से बचाया जा सकता है.आदिवासी परिवार इसे शुरू से जानते हैं. पेड़ लगाकर ही हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचा सकते हैं. मुंडारी भाषा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पेड़ नहीं रहेंगे तो हमें ऑक्सीजन भी नहीं मिलेगी. इससे पहले उन्होंने उलिहातू स्थित बिरसा ओड़ा में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.