नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया। नेता चुने जाने के बाद मोदी ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादलके पैर छुए। अमित शाह औरबादल ने मोदी को संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा।इसकासभी सहयोगी दलों और सांसदों ने समर्थन किया। बैठक में मोदी ने सभी सांसदों को नया नारा दिया- सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को अब तक भ्रम में रखा गया, उनके साथ छल किया गया। इस छल में छेद करना है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने इसका अनुमोदन किया और उसके बाद पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने हाथ खड़े कर और मेजें थपथपाकर प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने श्री मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया। जनता दल युनाईटेड के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोकजन शक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान, अन्नाद्रमुक के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के प्रमुख एवं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
इसके बाद राजग के नवनिर्वाचित सांसदों ने दोनों हाथ उठाकर तथा मेजें थपथपाकर इसका समर्थन किया। अपना दल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा राजग के अन्य घटक दलों की ओर से भी मोदी को नेता चुनने के समर्थन में पत्र भेजे गये थे।
बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा सुषमा स्वराज भी मौजूद थी। इसके अलावा भाजपा तथा राजग के अन्य घटक दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री तथा कुछ अन्य नेता भी उपस्थित थे।