गाजियाबाद: एक खबर भारतीय सेना के लिए खुशखबरी और पाकिस्तान और चीन के लिए खतरे की घंटी है. खबर यह है कि देशी बोफर्स के नाम से मशहूर धनुष तोप भारतीय सेना का अंग बनने जा रही है. जी हां, 26 मार्च को पांच धनुष तोपों की पहली खेप सेना में शामिल हो रही है. इस साल के अंत तक कुल 18 तोपों से लैस सेना की एक पूरी रेजीमेंट दुश्मन के ठिकानों तो ध्वस्त करने के लिए तैनात करदी जायेगी. फिल्हाल मिल रही खबरों के अनुसार धनुष को चीन और पाकिस्तान की सीमा मोर्चों पर तैनात किया जायेगा. धनुष को भारतीय सीमा सुरक्षा में रीढ़ माना जा रहा है. यह दुश्मनों की किसी भी तोप का मुकाबला करने में सक्षम है. मध्य प्रदेश की जबलपुर स्थित आयुधि निर्माणी में का धनुष को 2015 से बनाया जा रहा है. धनुष का अस्सी फीसदी निर्माण भारतीय है. इसीलिए इसे स्वदेशी तोप कहा जाता है. धनुष का कैलिबर 155एमएम का है और यह 40 किलोमीटर के भीतर दुश्मन के ठिकानों पर अचूक निशाना लगाने में माहिर है. पिछले महीने सेना और रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को 118 तोपों की सप्लाई के ऑर्डर को मंजूरी दी थी. धनुष भारत में बनाई गई पहली लंबी रेंज की तोप है. अभी कुछ दिन पहले ही सरकार की तरफ से बताया गया था कि धनुष कंप्यूटर से चलने वाली आधुनिक तोपों में से एक है. यह दिन और रात दोनों वक्त फायर करने में सक्षम है. इस तोप की पहाड़ी इलाकों में आसानी से तैनाती की जा सकती है. धनुष की क्षमता का परीक्षण कई तरह की कठिन परिस्थितियों में किया जा चुका है. रेगिस्तान से लेकर ऊंचाई वाले हिस्सों में भी धनुष भरोसेमंद साबित हुई है. धनुष के बाद अमेरिकी हॉवित्जर तोप का नंबर आता है. हॉवित्जर तोपों का निर्माण भी भारत में ही किया जायेगा.
देशी बोफर्स के नाम से मशहूर धनुष तोप : चीन और पाक पर कहर बनकर टूटेगा
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