टेल्को स्थित शिक्षा प्रसार केंद्र पर प्रदर्शन के दौरान मारपीट के तीन मामलों में शिक्षा सत्याग्रह नेताओं को मिली जमानत
टाटा मोटर्स और शिक्षा प्रसार केंद्र के अधिकारियों ने वार्ता के बहाने बुलाकर अंकित आनंद और अप्पू तिवारी पर किया था हमला, बाद में दर्ज़ करवाया था तीन एफआईआर
छह महीने बाद तीनों मामले में जिला सत्र न्यायालय से मिली जमानत
झूठ के कपाल पर सत्याग्रह का प्रहार : अंकित
टेल्को कॉलोनी स्थित शिक्षा प्रसार केंद्र में 04 फ़रवरी को टाटा मोटर्स के सुरक्षाअधिकारियों द्वारा शिक्षा सत्याग्रह के नेता अप्पू तिवारी और अंकित आनंद संग मारपीट मामले में शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं को जमानत मिल गयी है। जिला सत्र न्यायालय द्वारा घटना के छह महीने बाद नेताओं को ज़मानत दी गयी है। टेल्को कॉलोनी के हिल टॉप स्कूल, शिक्षा निकेतन एवं शिक्षा प्रसार केंद्र द्वारा संचालित स्कूलों में प्रिंसिपल, वाईस-प्रिंसिपल और शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा तथा व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिक्षा सत्याग्रह ने आंदोलन की घोषणा की थी। वहीं स्कूलों में कंपनी और मैनजमेंट कोटा के तहत सीटें आरक्षित करने को लेकर विरोध भी जताया था। चार फ़रवरी को इन्हीं मामलों में हस्तक्षेप करते हुए टाटा मोटर्स के टाउन एडमिनिस्ट्रेशन हेड वीएन सिंह तथा सुरक्षा प्रमुख रजत सिंह, रूथ पार्किंस, राजपाल पराशर और विशाल सिंह ने वार्ता के लिए शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं को रिक्रिएशन क्लब में बुलाया गया। वार्ता के क्रम में आंदोलन रोकने के लिए दबाव बनाया गया जिसपर शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद और अप्पू तिवारी ने असहमति जताई। इस क्रम में कंपनी अधिकारियों द्वारा नेताओं से गाली-गलौज और अभद्रता की गयी। आपत्ति जताने पर टाटा मोटर्स के गुंडा पार्टी ने हमला बोल दिया। इस घटना में शिक्षा सत्याग्रह के नेता सह भाजपा जिला प्रवक्ता को गंभीर चोटें आई थी। बाद में स्थानीय टेल्को पुलिस ने उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था। इस मामले में अंकित आनंद ने मारपीट, अपहरण और हत्या का प्रयास करने के मामले में टाटा मोटर्स एवं शिक्षा प्रसार केंद्र से जुड़े आधा दर्ज़न अफसरों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज़ करवाया था। वहीं दूसरी ओर कंपनी की ओर से एक ही मामले में तीन-तीन प्राथमिकी दर्ज़ करवाई गयी थी। शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद पर शिक्षा प्रसार केंद्र की महिला अधिकारी रूथ पार्किंस ने दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज़ कराई थी। टेल्को थाना कांड संख्या 22/2019 में उन्होंने शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं पर कार्यालय में तालाबंदी करने और धमकी देने की शिकायत की थी। वहीं चार दिन बाद दबाव बनाने के लिए कांड संख्या 25/2019 के तहत छेड़खानी और मानहानि के मनगढ़ंत शिकायत दर्ज़ करवाये गए थे। लगभग छह महीने के लंबे अंतराल के बाद टेल्को थाना कांड संख्या 21/2019, 22/2019 एवं 25/2019 में शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं को जमानत मिल गयी है।
● झूठ के कपाल पर सत्याग्रह का प्रहार : अंकित
शनिवार को तीनों मामले में जमानत मिलने के बाद शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं ने अपने अधिवक्ताओं और आम जनता का आभार जताया। कहा कि शिक्षा माफियाओं के बड़ी शाजिश को युवा और तेज़ तर्रार अधिवक्ताओं ने नाकाम कर दिया। इस मामले में जमानत मिलने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए शिक्षा सत्याग्रह के नेता सह भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने इसे झूठ के कपाल पर सत्याग्रह का प्रहार बताया। हालांकि स्थानीय पुलिस के कार्यसंस्कृति को लेकर असंतोष भी जताया। कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद जानबूझकर एक ही मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज़ किया गया। स्थानीय कंपनी के अधिकारियों के इशारे पर परेशान करने की मंशा से पुलिस ने उक्त कदम उठाया। बाद में आरोपित कंपनी अधिकारियों को थाना में बुलाकर चाय-नाश्ता भी परोसा गया जिसमें पुलिस महानिरीक्षक के स्तर से जाँच चल रही है। अंकित आनंद ने कहा कि स्कूलों में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार, शिक्षा कानूनों की अवमानना तथा अभिभावकों के आर्थिक दोहन के विरुद्ध उठाये गए आवाज़ को शाजिश के तहत दबाने का कुचक्र स्थानीय कंपनी के अधिकारियों और शिक्षा माफियाओं द्वारा संयुक्त रूप से रची गयी थी। कहा कि शीघ्र ही निज़ी स्कूलों में व्याप्त मनमानी और आर्थिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ोरदार सत्याग्रह आंदोलन आरंभ होगी। शिक्षा न्यायाधिकरण क़ानून के तहत स्कूल एवं जिला स्तरीय कमिटियां गठित कराना शिक्षा सत्याग्रह की प्राथमिकताओं में शामिल है। जमानत मिलने के पश्चात जिला सत्र न्यायालय में शिक्षा सत्याग्रह के नेताओं के संग युवा अधिवक्ता संजय तिवारी, नितेश तिवारी समेत शिक्षा सत्याग्रह से जुड़े नीरज दूबे, विक्रम, राणा अमर, सौरव कुमार अमर, प्रतीक समेत अन्य लोग मौजूद थे।