*मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक*
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*टाना भगत समुदाय देश के ऐतिहासिक धरोहर*
*टाना भगतों कोआर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना लक्ष्य*
*–डॉ. डीके तिवारी, मुख्य सचिव*
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मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने कहा कि टाना भगत समुदाय देश के ऐतिहासिक धरोहर हैं। टाना भगत विकास प्राधिकार का ध्येय इनका आर्थिक स्वावलंबन है। सरकार टाना भगतों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के उपायों पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि टाना भगतों की जमीन से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान करने के बाद सरकार अब उनके घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी आदि मूलभूत जरूरतों को भी लगभग पूरा कर चुकी है, जो भी थोड़े काम बचे हैं, उन्हें भी एक समयसीमा के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। उक्त बातें उन्होंने झारखण्ड मंत्रालय में टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
*एक भी परिवार सूची से छूटे नहीं*
मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि राज्य के विभिन्न जिलों में बसे टाना भगतों को पूरी सरकारी सहायता मिले। इसके लिए सरकार ने टाना भगतों के सहयोग से उनके परिवार की सूची बनाई है। अगर अभी भी कोई परिवार उक्त सूची में शामिल नहीं हो पाया है, तो टाना भगत प्रक्रिया के तहत सूची उपलब्ध करा कर उनका नाम दर्ज कराएं। इसके लिए उन्होंने इसी सप्ताह छूटे परिवारों की सूची उपायुक्तों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि एक भी टाना भगत परिवार उस सूची से नहीं छूटे।
*कैंप लगाकर जमीन की रसीद बांटे*
मुख्य सचिव ने उत्तराधिकार के आधार पर तीन दिनी कैंप लगाकर टाना भगतों की जमीन की रसीद बांटने का निर्देश दिया है। हालांकि टाना भगतों के निवास के कुल आठ जिलों में से सिर्फ लातेहार में रसीद नहीं मिलने की शिकायत मिली है। वहीं विशेष कैंप लगाकर टाना भगतों को सूचित कर छूटे हुए लोगों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराधिकार के आधार पर जितने परिवार हैं, उन सभी की लगान रसीद काटें। अभी तक उत्तराधिकार के आधार पर कुल 715 परिवारों का नामांतरण का काम संपन्न हो चुका है।
*टाना भगतों ने की टोकन लगान देने की मांग*
टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक में टाना भगतों ने पूर्व की तरह एक रुपये टोकन राशि के आधार पर जमीन का लगान लेने की मांग की। जबकि पूर्व में उनकी ही मांग के आधार पर सरकार ने उनकी जमीन को लगान मुक्त घोषित किया था। अब उनका कहना है कि मुफ्त में वे जमीन का मालिकाना हक नहीं चाहते। मुख्य सचिव ने कहा कि वे उनकी मांगों से सरकार को अवगत करा देंगे।
*अंबेडकर आवास योजना का दें लाभ*
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत दो के साथ एक अतिरिक्त कमरा बनाने के लिए 70 हजार रुपये की राशि खाते में देने के बावजूद कुछ टाना भगत अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं कर पाए हैं। मुख्य सचिव ने उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत कराने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर इसमें समय लग रहा हो तो उन्हें अंबेडकर आवास योजना का लाभ दें। उन्होंने टाना भगतों को सलाह दी कि आवास स्वीकृति होने तक वे खाते में गई एक अतिरिक्त कमरे की राशि से प्रधानमंत्री या अंबेडकर आवास योजना के नक्शे के अनुरूप एक अतिरिक्त कमरे का निर्माण शुरू करें।
*गाय की खरीदारी के साथ होगा बीमा*
टाना भगत परिवारों को अपनी पसंद की नस्ल की निःशुल्क चार दुधारू गाय खरीदने में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। उन गायों को रखने के लिए 346 शेडों का निर्माण पूरा हो चुका है। सभी लाभुकों को गोपालन से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। टाना भगतों की मांग पर मुख्य सचिव ने बताया कि गाय की खरीदारी के साथ ही बीमा की भी व्यवस्था है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी कारण से क्षति होने पर बीमा की राशि ससमय मिले, इसकी व्यवस्था वे सुनिश्चित करें। साथ ही 28 सितंबर से लगने वाले पशु मेला में जाकर खुद गायों की खरीदारी करने के लिए भी टाना भगतों को कहा।
*प्रशिक्षित छात्रों का प्लेसमेंट कराएं*
झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में सरकारी खर्चे पर अध्ययन के बाद पास आउट टाना भगत विद्यार्थियों के प्लेसमेंट की व्यवस्था करने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया। वहीं इसमें फेल छात्रों के योग्यतानुसार रोजगारपरक समायोजन का निर्देश दिया। उन्होंने दसवीं से कम पढ़े टाना भगतों की स्क्रीनिंग कर कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षण के बाद रोजगार से जोड़ने पर बल दिया। वहीं टाना भगतों से कहा कि अगर वे अपने क्षेत्र में मिनी बस चलाने को इच्छुक हों, तो सरकार उसमें भी मदद करेगी।
*खाद-बीज का प्रस्ताव देर से देने पर जतायी नाराजगी*
विभागीय योजना के तहत टाना भगतों को खाद-बीज उपलब्ध कराने में फिसड्डी रहे रांची जिले की स्थिति पर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने रांची जिला द्वारा खाद-बीज उपलब्ध कराने का प्रस्ताव सितंबर में देने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं बैठक में टाना भगतों को विभागीय योजनाओं के तहत सिंचाई, कुंआ, तालाब निर्माण, ट्रैक्टर देने जैसे लाभों की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री केके खंडेलवाल, ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, राजस्व सचिव श्री केके सोन, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव श्रीमती आराधना पटनायक, पर्यटन सचिव राहुल शर्मा, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।