झारखंड से गरीबी को समाप्त करना सरकार का लक्ष्य है। लोगों को रोजगार से जोड़कर और उन्हें स्वावलंबी बनाकर हम इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार झारखण्ड को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित कर रही है। टेक्सटाइल के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध होते हैं। रोजगार उपलब्ध होने से हमारे झारखंड से पलायन रुकेगा और बच्चों को यहीं पर उनके घर में ही नौकरी मिल जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने एपिक गारमेंट कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के दौरान कहीं। एपिक ने झारखंड में अपना प्लांट लगाने की इच्छा जताई है।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी पूरे देश में सबसे अच्छी है। यही कारण है कि काफी कम समय में ही बड़ी-बड़ी टेक्सटाइल कंपनियां यहां अपना मैन्यूफैक्चर इकाई लगाकर उत्पादन शुरू कर चुके हैं। अरविंद मिल्स, ओरियंट क्राफ्ट जैसी कंपनियों के उत्पादन शुरू हो गया है। और भी कई बड़ी कंपनियों का उत्पादन जल्द ही शुरू होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के लोग सीधे सरल है। संथाल क्षेत्र में उद्योग लगायें। देवघर में एयरपोर्ट भी बन रहा है। एम्स का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। यहां उद्योग लगाने से लोगों को रोजगार मिलेगा और कंपनी को भी कुशल मानव श्रमिक मिल जाएंगे। यहाँ कौशल विकास के माध्यम से बच्चों को सरकार विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिलवा रही है।
एपिक ग्रुप के चेयरमैन श्री रंजन महतानी ने बताया कि उनकी कंपनी हांगकांग आधारित मल्टीनेशनल कंपनी है, जो टेक्सटाइल का काम करती है। इसके वियतनाम, बांग्लादेश, जॉर्डन और इथोपिया में निर्माण इकाई है। कंपनी भारत में भी निर्माण इकाई शुरू करना चाहती है। झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी सबसे अच्छी है। झारखंड सरकार सहयोग करे तो कंपनी यहाँ अपनी फैक्ट्री शुरू करेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल, कंपनी के कार्यकारी निदेशक श्री केपी प्रदीप उपस्थित थे।