कदमा के न्यू रानी कुदर में नक्शा विचलन कर भवन निर्माण का मामला
जिला प्रशासन द्वारा सील किए गए कुछ भवनों के अंदर कैसे हो रहा था काम, कटघरे में प्रशासन
कदमा न्यू रानी कुदर में नक्शा विचलन कर बन रही बहू मंजिली इमारतों जिसे जिला प्रशासन द्वारा सील किया गया था उनमें से कुछ का सील तोड़कर भीतर भीतर निर्माण का कार्य किया जा रहा था. सूचना मिलने के बाद जिसे धालभूम एसडीओ नीतीश कुमार सिंह द्वारा बंद करवा दिया गया है. फिर से उन्हें सील किया गया है और उस पर निगरानी भी रखी जा रही है. यह कहना स्वयं एसडीओ नीतीश कुमार सिंह का ही है . लेकिन सवाल उठता है कि जिला प्रशासन द्वारा सील किए गए भवनों का सील कैसे और किसकी शह पर तोड़ा गया. कानून को ठेंगा दिखाते हुए भवनों के मालिकों ने अपना कार्य जारी रखा. ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई भी जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. हालांकि एसडीओ का कहना है कि पीछे के रास्ते से अथवा अन्य दूसरे रास्ते से कुछ लोग अंदर प्रवेश कर काम जारी रखे हुए थे . लेकिन ऐसा करना भी कानूनन जुर्म है. सिर्फ पुन: इन भवनों को सील बंद कर दिया जाना पर्याप्त नहीं है. स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर गंभीर चर्चा है कि आखिर इन भवनों के मालिकों की पहुंच कहां तक है . वैसे तो पैसे, पहुंच और पैरवी का बोलबाला है. दरअसल बुधवार को सूचना मिलने के बाद एसडीओ धालभूम नीतीश कुमार सिंह कदमा न्यू रानी कुदर पहुंचे और नक्शा विचलन करने के कारण एक भवन को सील कर दिया गया. जबकि 8 भवनों के नक्शा विचलन की शिकायत की जांच अक्षेस के विशेष पदाधिकारी को सौंपी गई और कहा गया कि रिपोर्ट आने के बाद इन भवनों के मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी . इसी दौरान पता चला कि प्रशासन द्वारा सील किए गए कुछ भवनों के भीतर काम हो रहा है . जांच में एसडीओ ने इसे सही पाया और फिर से उसे बेहतर तरीके से सील कर निगरानी में रखा गया है . अनुमंडल अधिकारी ने बुधवार को जिस भवन को सील किया है,उसके मालिक को कागजात के साथ एसडीओ कोर्ट में हाजिर होने और अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए . दूसरी ओर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने पूर्व में भवन मालिक को नोटिस देकर अवैध तरीके से किए जा रहे भवन निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया था, ताकि नक्शा विचलन की जांच कराई जा सके . लेकिन भवन मालिक ने निर्माण कार्य बंद नहीं किया . उल्लेखनीय है कि झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार नक्शा विचलन की स्थिति में बिल्डिंग मालिक को अक्षेस के विशेष पदाधिकारी के नाम आवेदन देकर दोबारा नक्शा पारित करवाने के बाद पुनः निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकता है. इतना ही नहीं नक्शा विचलन के नियमों के तहत भवन के बाहरी हिस्से को तोड़ना भी होगा. तभी पुनः निर्माण की अनुमति मिल सकती है.