जामताड़ा/बागडेहरी: सोमवार को भीषण गर्मी व धूप से किसानों के चेहरे पे मायुसी दिखने लगी।किसानों ने अब धान होने उम्मीद खोने लगे है।कुछ किसानों में कहते सुने गये इस वर्ष धान होने उम्मीद नही है।खेत में पानी सुख गये है।धान मरने के कगार पर है।कुछ खेत के तो मिट्टी फटने लगे है।मालूम हो कि लगभग एक महीने से कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के बागडेहरी,बिक्रमपुर,नवडीहा,लायकापुर,काठीजोड़िया,आकना,सटकी,पांचकुड़ी,दामाधारा,निजमानधारा,काकड़ाशोला,अंबा,रामपुर,चंद्रवाद,चंद्रपूर,पाटजोर,जलालपुर,भालको,कालीपाथर,जनार्दनपुर,सुद्राक्षीपूर,मुड़ाबेड़िया सहित आदि गांवों में नही के बराबर वारिष हुई है।अरून मुखर्जी,सिराज खान नामक किसान बताते है कि जामताड़ा जिला का कुंडहित प्रखंड एक पिछड़ा क्षेत्र है।रोजगार का कोई अन्य साधन नही है।कृषि कर ही अपना और अपने बाल-बच्चों का भरन-पोषण करते है।कहा कि धान की खेती नही होने से भूख से मरने को विवश होना पड़ेगा।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि
पिछले एक महीने से कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के अनेकों गांवों में नही के मात्रा में वारिष हो रही है।लगभग 50 प्रतिशत खेती की गयी है।वह भी मरने की कगार पर है।सरकार को संज्ञान में लेकर अब सुखाड़ घोषीत कर देना चाहिए।
सुभद्रा बाउरी,जिप सदस्या,कुंडहित।