चक्रव्यूह को तोड़ अर्जुन मुंडा फतह को तैयार
अमन कुमार
झारखंड भाजपा का एक बड़ा खेमा एक बार फिर 2014 के विधानसभा की तरह अर्जुन मुंडा को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फसाने की पूरी जुगत लगा दी है हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी हैं और अंतिम क्षण तक परिस्थितियों को अपने काबू करने में उन्हें महारथ भी हासिल है इस बार राष्ट्रीय नेतृत्व का भी खूंटी लोकसभा पर नजर है और जो भीतर घात कर रहे हैं उन पर भी राष्ट्रीय नेतृत्व कि पैनी नज़र जा चुकी है 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए एक एक सीट महत्वपूर्ण है उस परिस्थिति में अगर अंदर खाने से भीतर घात की बातें उभर कर आ रही है तो निश्चित ही चौंकाने वाली है खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास खूंटी के लिए कई सभाएं कर चुके हैं परंतु राज धर्म के आगे बलवान हो चला है परिवार धर्म
खूंटी में जीत की राह में कील-कांटों की भरमार ,चर्च भी सक्रिय भितरखाने चल रहा फरमान का दौर हर क्षेत्र के अपने समीकरण
जटिल भौगोलिक परिस्थितियों वाले खूंटी लोकसभा क्षेत्र में इस बार का चुनाव भी उतना ही जटिल है। कडिय़ा मुंडा के पर्याय बने इस सीट पर उनका उत्तराधिकार पाने की होड़ मे भले हीं दो मुंडा महारथी जुटे हैं लेकिन जीत की राह आसान नहीं दिखती। भाजपा के दिग्गज अर्जुन मुंडा के लिए यह क्षेत्र नया नहीं है। वे इसी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले खरसावां विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने के साथ-साथ विधानसभा पहुंचते रहे हैं।
पूर्व के चुनावों में उन्होंने यहां प्रचार अभियान की कमान भी संभाली है। इस क्षेत्र के लोगों के मिजाज से भी वे वाकिफ हैं, तभी तो टिकट मिलने के साथ ही उन्होंने अपनी पूरी सक्रियता बनाए रखी है। उनके मुकाबले खड़े कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने पिछले लोकसभा चुनाव मे भी किस्मत आजमाया था। वे तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। बदली राजनीतिक परिस्थिति ने इस बार उन्हें मुख्य मुकाबले में ला खड़ा किया है। कालीचरण कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सगे भाई नीलकंठ मुंडा राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार में मंत्री भी हैं। नीलकंठ अपने भाई के प्रतिद्वंद्वी अर्जुन मुंडा का साथ देकर राजधर्म का निर्वाह कर रहे हैं लेकिन चर्चाओं में कुछ और बात सामने उभर कर आ रही है
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहा है स्थानीय मुद्दों के साथ साथ जातीय समीकरण को भी हवा देने का प्रयास किया जा रहा है पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को बाहरी बताने का प्रयास कर रहे हैं जबकि कुछ लोगों का मानना है कि अर्जुन मुंडा की जीत से क्षेत्र के विकास मे गति आएगी
क्षेत्रों की अगर बात करें तो खूंटी तमार और खरसावां में भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत दिख रही है जबकि तोरपा कोलाबीरा के बूथों पर अपनी पकड़ अंतिम समय तक बनाने में संघ और भाजपा के कार्यकर्ता लगे हैं रात के अंधेरों में जो खेल भीतर घातियों द्वारा खेला जा रहा है उस पर अगर अंकुश लगता है तो परिस्थिति बदलने के आसार हैं
चर्चाओं में यह भी बात सामने आ रही है कि कालीचरण मुंडा को आखिर कौन कर रहा है फाइनेंस कुछ भाजपाइयों द्वारा सरना और सौदान मतदाताओं को बरगलाने का भी चर्चा पूरे शबाब पर है
बहरहाल मतदान के पूर्व सभी कील काँटों को दुरुस्त कर चक्रव्यूह को भेजते हुए अर्जुन मुंडा मतदाताओं के सहयोग से किला फतह करने को तैयार