गुरु ज्ञान की
ज्योति,हम शिष्य उनके जीवन मोती
शिष्य गीली मिट्टी हैं
मूर्तिकार है शिक्षक
सन्मार्ग बताने का
एक आधार है शिक्षक
इक विधाता की नीवं
ही भाग्य बनाये
जीवन के लिये यह
सही मार्ग हैं शिक्षक
पहुँचा दे बुलंदी पे वो
उपकरण है शिक्षक
नारियल सा नम्र सदाचार,
सँवारे शिष्य का जीवन
अंदर से वात्सल्य और
ऊपर से दिखाए कड़ापन
दिखता कठोर दिल पर
प्यार से भरे है शिक्षक
अपना हुनर लुटा के
जग का मान बढाये
जब शिष्य योग्य निकले
तभी सुकून वह पाये
बन कर दीपक हरता,
सभी अँधियार है शिक्षक
बुद्धि वाले चाक पे
कुम्हार की तरह
जिंदगी के सुदृढ़
आधार की तरह
टेडे़पन को देता एक
आकार है शिक्षक
सब कल भी कहते थे
सभी आज कहते हैं
ये दुनियाँ है निसार
अंकिता देती है इन्हें,
सम्मान और शब्दाधार
अपनी लगन से छात्रों में
भरता सार है शिक्षक
युवाकवयित्री अंकिता सिन्हा
जमेशदपुर, झारखंड